अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह के पैतृक गांव मांडी में कार्यक्रम का आयोजन कर अमर शहीदों को श्रद्धांजली दी

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Panipat News/Tributes paid to immortal martyrs in village Mandi
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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। पुलिस शहीदी व पुलिस झंडा दिवस श्रृंखला के तहत अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह के पैतृक गांव मांडी में कार्यक्रम का आयोजन कर अमर शहीदों को श्रद्धांजली दी। मांडी से टिटाना जाने वाले मार्ग का नाम अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह रखा और बोर्ड लगाकर इसका नामकरण किया गया। अमर शहीदों की याद में पुलिस विभाग की और से 21 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पुलिस शहीदी व पुलिस झंडा दिवस मनाया जा रहा है।

अमर शहीदों की शहादत को नमन किया

इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर शहीद जवानों को याद कर श्रद्धांजली दी जा रही है। एसपी शशांक कुमार सावन के मार्गदर्शन में इसी श्रंखला में 23 अक्टूबर रविवार को जिला पुलिस की कल्याण शाखा की टीम व थाना इसराना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह के पैतृक गांव मांडी में कार्यक्रम का आयोजन कर अमर शहीदों की शहादत को नमन किया। इंस्पेक्टर विजय सिंह ने इस दौरान युवा शक्ति को देशभक्ति से ओतप्रोत हो जीवन में आगे बढ़ने की सीख देते हुए कहा कि ऐसे अमर शहीदों की गौरव गाथा हमारी युवा शक्ति में पूरे उमंग के साथ देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है।

अमर शहीदों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए

अमर शहीदों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान मांडी से टिटाना जाने वाले मार्ग पर बोर्ड लगा अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिह मार्ग नामकरण किया गया। कार्यक्रम में अमर शहीद के पिता 85 वर्षीय चंद्र सिंह, निवर्तमान सरपंच ज्याति देवी, धर्मवीर सिंह, सुबे सिंह, जयसिंह, पवन, राजकुमार चैयरमैन व गांव के मौजिज व्यक्ति व नौजवान मुख्य रूप से मौजूद रहे।

अमर शहीद के जीवन का सारांश

गांव मांडी निवासी अमर शहीद युजीसी रणधीर सिंह वर्ष 2005 मे जिला सोनीपत के थाना बरौदा मे तैनात थे। 24 अप्रैल 2005 को उनकी ड्यूटी राइडर पर थी। गस्त के दौरान जब वे महम रोड़ पर मौजूद थे तो बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई। युजीसी रणधीर सिंह व साथी पुलिसकर्मी ने उनको रोकने की कोशिश की लेकिन बदमाशों ने उन पर ताबड़ तोड़ गोलियां चला दी। युजीसी रणधीर सिंह व साथी ने बदमाशों का डट कर मुकाबला किया। जिसमें रणधीर सिंह व साथी को कई गोलियां लगी। इस घटना में बहादुर युजीसी रणधीर सिंह वीर गति को प्राप्त हो गए थे।