Panipat News : देश को आगे बढाने के लिए युवाओं को गांधी के विचारों को अपनाना होगा- गुलाम नबी आजाद

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To take the country forward, youth will have to adopt Gandhi's ideas - Ghulam Nabi Azad
  • महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर आर्य कॉलेज में हुआ गांधी के विचारों पर संगोष्ठी का आयोजन

(Panipat News) पानीपत। आर्य कॉलेज के गांधीयन अध्ययन केंद्र, पानीपत नागरिक मंच व गांधी ग्लोबल फैमली के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के ओ.पी. शिंगला सभागार में गांधी के विचारों पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्य मंत्री जम्मू कश्मीर गुलाम नबी आजाद ने शिरकत की। आर्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य विरेंद्र शिंगला व ग्लोबल फैमली की अध्यक्ष निर्मल दत्त व महासचिव एडवोकेट राम मोहन राय ने मुख्य अतिथि का कॉलेज प्रांगण में पहुचने पर पुष्पगुच्छ दे कर स्वागत किया।

प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने कहा कि महात्मा गांधी इतिहास के एक ऐसे पुरोधा हैं, जिसने सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए ना केवल भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाया बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंक दिया। सत्य व अहिंसा के प्रति बापू के विचार ना केवल भारत का बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते हैं।

रत सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया था

मुख्य अतिथि गुलाम नबी आजाद ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज 30 जनवरी का दिन यानि हमारे राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि का दिन है। बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में महात्मा गांधी की हत्या के बाद हम उनकी याद में इस दिन का स्मरण करते हैं। भारत सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया था। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी

यह गांधी के अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रतिरोध के संदेश के वैश्विक महत्व को दर्शाता है, जो आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता है। इस दिन पूरे देश महात्मा गांधी के विचारों को याद किया जाता हैं और युवा उनकी शिक्षाओं का अनुपालन करने का प्रयास करते हैं। आजाद ने कहा अगर देश को आगे बढाना है तो युवाओं को ही देश को आगे बढाने के लिए गांधी के विचारों को अपनाना होगा।ग्लोबल फैमली की अध्यक्ष निर्मल दत्त ने गांधी जी के विचारों ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी।

इसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों का विरोध करना था और इस आंदोलन ने भारतीयों को स्वतंत्रता के प्रति जागरूक करने का कार्य किया था। इसके अलावा भी उन्होंने दांडी यात्रा, ‘नमक सत्याग्रह’ और भारत छोड़ो आंदोलन की दम भरी थी और इससे उन्होंने देशवासियों के साथ देश को स्वतंत्र कराने की कसम खाई थी।महासचिव एडवोकेट राम मोहन राय ने मुख्य अतिथि के लिए स्वागत संदेश पढा और उन्होंने गुलाम नबी आजाद का आभार भी व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने आर्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता, कॉलेज के गांधीयन स्टडी सेंटर के अध्यक्ष डॉ. विजय सिंह का भी आभार व्यक्त किया। मंच संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक प्रो. विजय सिंह ने किया।

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