Panipat News : तन को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले हमे मन को स्वस्थ करना पड़ेगा : बी.के अंजना

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To keep the body healthy, first of all we have to keep the mind healthy B.K. Anjana

(Panipat News) पानीपत। सेक्टर -25 स्तिथ ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर,सद्भावना सोसाइटी, महर्षि दयानंद सोसाइटी, श्री कृष्णा सोसाइटी, हिमालय एनक्लेव,गोकुलधाम एनक्लेव द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सर छोटू राम पार्क में एक कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर पहले सभी ने मिलकर शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगा किया। सेक्टर -25 सेंटर की संचालिका बी.के अंजना बहन ने स्वास्थ्य के बारे में बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य है तो जीवन है। तन को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले हमे मन को स्वस्थ करना पड़ेगा। मन स्वस्थ रहता है स्वस्थ विचारो से। मन स्वस्थ तो तन स्वस्थ। बी.के शुभम बहन ने बताया कि जैसे हमारा शरीर पांच तत्वों से बना हुआ है वैसे ही हमारी आत्मा सात गुणों से बनी हुई है।आत्मा के गुणों का स्वास्थ्य के ऊपर बहुत प्रभाव पड़ता है।

पवित्रता हमें वह शक्ति देती है जिससे हम कर्मेन्द्रियों को संतुलन रखते हैं

ज्ञान, पवित्रता, प्रेम, सुख, शांति, आनंद और शक्ति यह आत्मा के सात गुण है। ज्ञान का संबंध स्नायु तंत्र से है। स्नायु तंत्र ही सारे शरीर में संदेश पहुँचाने का कार्य करता है। इसलिए ज्ञानी व्यक्ति के लिए कहा जाता है इसकी नस नस में ज्ञान बहता है।पवित्रता का संबंध हमारी पाँच कर्मइन्द्रियों से है जब कर्मेन्द्रिया हमारे वश में नहीं होती तो हम शक्तिहीन बन जाते हैं जैसी कई बार आँखों से ज़्यादा टीवी देखने से आंखें ख़राब हो जाती है, कानों से ज़्यादा सुनने से कान ख़राब हो जाते हैं। ग़लत खाने से पेट ख़राब हो जाता है इसका अर्थ है कि जहाँ आसक्ति है वहाँ पर बीमारी है। पवित्रता हमें वह शक्ति देती है जिससे हम कर्मेन्द्रियों को संतुलन रखते हैं।

सुख का संबंध हमारा पेट से है जितना हम सुख से भोजन ग्रहण करते हैं उतनी हमारी पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है

प्रेम का संबंध हमारे दिल से हैं जितना हम सब से प्रेम करेंगे प्रेम से बोलेंगे उतना ही हमारा दिल स्वस्थ रहेगा।शांति का संबंध हमारे सॉस से है जब हम योगा करते हैं शांत रहते हैं तो हमारे सास की गति धीमी होती है।इसलिए सास को संतुलित रखने के लिए हमें शान्ति चाहिए। सुख का संबंध हमारा पेट से है जितना हम सुख से भोजन ग्रहण करते हैं उतनी हमारी पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है।

आनंद का संबंध हमारे हॉर्मोन से हैं जितना हम आनंद में रहेंगे उतने हमारे हॉर्मोन्स बनेंगे।परिवार में ख़ुशी आएगी।शक्ति का संबंध हमारी मांसपेशियों से हैं यदि हम किसी व्यक्ति का मनोबल तोड़ देते हैं तो उसमें परिस्थिति सामना करने की शक्ति नहीं रहती।अगर हम किसी का मनोबल बढ़ा दें तो उसमें ताक़त आ जाती है। हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने मन को मज़बूत बनाना पड़ेगा।हमारी आत्मा को इन सात गुणों की बहुत आवश्यकता है।जैसा अन्न वैसा मन जैसा मन वैसा तन। रविन्द्र नंदल,सतबीर चहल,पृथ्वी जी,सत्यप्रकाश,सुभाष गर्ग,सचिन,रुचि,उषा,सोनिया,राज,शांति आदि भाई बहने उपस्थित थे। अंत में सभी भाई बहनों ने प्रसाद लेकर प्रस्थान किया।

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