आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। जिले में तीन बच्चों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि तीनों बच्चे बुखार से पीड़ित थे। जिनमें से एक बच्चे की प्लेटलेट्स कम थी। बच्चों को 1 से लेकर 5 दिन तक बुखार रहा है, फिर उनकी हालत गंभीर होती रही। आखिर में बच्चों ने दम तोड़ दिया। सिविल अस्पताल की फिजिशियन डॉ. जसमीन कौर ने बताया कि बुखार समेत मौत के असल कारणों को जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के परिजनों से पोस्टमार्टम करवाने की बात कही। मगर अभिभावकों ने पोस्टमार्टम के लिए मना कर दिया। परिजनों ने प्रारंभिक पूछताछ में यही बताया कि बच्चों को बुखार हुआ था। उन्हें नजदीक ही डॉक्टर एवं मेडिकल स्टोर से दवाइयां दिलवाई थी।
इस माह में सिविल अस्पताल में बुखार से पीड़ित चार बच्चों की मौत
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस माह में सिविल अस्पताल में बुखार से पीड़ित चार बच्चों की मौत हुई है। जिसमें 12 अक्टूबर को बच्ची सीरत (3) निवासी गांव डिडवाडा जिला जींद की मौत हुई है। 27 अक्टूबर को 17 वर्षीय किशोर वीरू कुमार भारती मूल निवासी बिहार के जिला सिवान की बुखार से मौत हुई है। शुक्रवार को 7 वर्षीय बच्ची रूबी मूल निवासी शामली हाल निवासी बबैल नाका की बुखार से मौत हुई है। वहीं, 12 वर्षीय बच्ची खुशी निवासी नांगलखेड़ी की भी जान चली गई। खुशी की प्लेटलेट्स कम थी और उसकी नाक से खून बह रहा था।
300 से अधिक रोजाना बुखार से पीड़ित लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले के सभी 140 अस्पतालों में रोजाना वायरल बुखार की 8 हजार से अधिक ओपीडी हो रही है। डेंगू के 168 कंफर्म केस हो गए हैं। जिनमें से 20 प्रतिशत रोगियों की उम्र 15 वर्ष से कम है। सिविल अस्पताल में 300 से अधिक रोजाना बुखार से पीड़ित लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिनमें से रोजाना 30 लोगों की डेंगू जांच की जा रही है। निजी अस्पतालों में प्लेटलेट्स के लिए मारामारी चल रही है। इसी बीच प्लेटलेट्स से बच्ची की मौत हो गई है।
डेंगू पर कंट्रोल के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सहयोग मांग रहा है
डेंगू पर कंट्रोल के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सहयोग मांग रहा है। पानीपत सिविल अस्पताल के डॉ. नवीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगर निगम और जिला पंचायती राज विभाग से सहयोग मांग चुके हैं। मगर, तीनों विभागों में तालमेल की कमी का खामियाजा पानीपत की जनता भुगत रही है। दरअसल, नगर निगम की जिम्मेदारी शहर में फॉगिंग करवाने की है। निगम के पास मशीन, तेल, दवाइयां आदि सब सामान उपलब्ध है। मगर, निगम फॉगिग में ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं, जिला पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग करने एवं करवाने की है। मगर, गांवों में चुनावों के चलते कोई फॉगिंग की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
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