पानीपत। एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में राज्य स्तरीय सात दिवसीय ‘पानीपत महोत्सव – तृतीय पुस्तक मेला’ के पांचवें दिन बतौर मुख्य अतिथि राजीव रतन आई.ए.एस. कमिश्नर करनाल मंडल ने शिरकत की। बतौर विशिष्ट अतिथि एलएन जिंदल जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरियाणा और मुकेश भारद्वाज ने कार्यक्रम में शिरकत की। उनके साथ डॉ दिनेश कुमार राज्य एन.एस.एस. अधिकारी, निशा पंचकूला मीडिया सेल, डॉ अजय गर्ग प्राचार्य आई.बी.कॉलेज पानीपत ने कार्यक्रम की शोभा बढाई। मेहमानों का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, डॉ संगीता गुप्ता, डॉ संतोष कुमारी और डॉ राकेश गर्ग ने शाल, पौधा रोपित गमले और पुस्तकें भेंट करके किया। पांचवें दिन का थीम ‘भारतीय भाषाओं में अंतर्संबंध – राजभाषा हिंदी के क्षितिज का विस्तार’ रहा।
राजीव रतन आई.ए.एस. कमिश्नर करनाल मंडल ने उपस्थित छात्र-छात्राओं के साथ जिवंत संवाद किया। उन्होनें कहा कि व्यक्तित्व में परिपक्वता पुस्तकों को पढने से आती है। उन्हें विद्यार्थियों से पुस्तकों को चुनकर पढने आ आग्रह किया। मुकेश भारद्वाज ने सर्वप्रथम गुलज़ार कृत कविता को सबके सामने पढ़ा। दिनेश कुमार राज्य एन.एस.एस. अधिकारी ने राजीव रतन के एन.एस.एस. के विकास के लिए उठाये गए क़दमों और फैसलों की भूरी-भूरी प्रसंशा की। डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि सूचना तकनीक के वर्चस्व ने आज कुछ ही भाषाओं का दबदबा बढ़ाया है, जिसके नतीजे में तीसरी दुनिया की क्षेत्रीय भाषाएं मरती जा रहीं हैं। बड़े पैमाने पर विस्थापन का दर्द झेल रहे हमारे गांवों की मौलिक बोलियां भी गुम हो रहीं हैं। भविष्य में हिन्दी को बचाने और बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम हमें उसकी उपभाषाओं, राज्यों की मातृभाषाओं एवं बोलियों को बचाना और बढ़ाना होगा। वास्तव में इनकी प्रगति में ही हिन्दी की प्रगति सन्निहित है ।