पानीपत। महिला आर्य समाज मॉडल टाउन पानीपत में श्रावणी ऋग्वेद आंशिक महायज्ञ का आज तीसरे दिन का सायं कालीन में सर्वप्रथम वैदिक यज्ञ किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य नंदकिशोर, वेद उद्गाता एवं वेद पाठी आचार्य राजकुमार शर्मा तथा वेद प्रवचन मुनि शुचिषद् के हुए भजनोपदेश अंजली आर्य के रहे। आर्य समाज के प्रधान शशिकांत चड्ढा एवं महामंत्री चंद्र मोहन गुलाटी ने संयुक्त रूप से बताया कि आर्य समाज मॉडल टाउन में प्रतिदिन इसी प्रकार दैनिक यज्ञ विशेष ऋग्वेद के मंत्रों के साथ चल रहा है, जिसमें विशेष सामग्री के साथ आहुतियां प्रदान की जाती हैं।
महिला आर्य समाज की प्रधान अलका आहूजा तथा मंत्राणी प्रभा गुलाटी ने संयुक्त रूप से बताया कि महिला आर्य समाज संसार के परोपकार के कार्यों में इसी तरह से लगी रहती है। आचार्य नंदकिशोर ने बताया कि जो व्यक्ति जीवन के अंदर यज्ञ के माध्यम से अपने जीवन को जीता है उसके जीवन के जीने की कला ही बदल जाती है। आचार्य राजकुमार शर्मा ने कहा मनुष्य को जीवन में शक्ति की उपासना करनी चाहिए और वह शक्ति की उपासना वैदिक भक्ति से ही आती है। भजनोपदेश करते हुए अंजली आर्य ने बताया महर्षि दयानंद सरस्वती महाराज ने अपने जीवन के अंदर समाज सुधार के अनेक कार्य किए जिनमें से सर्वश्रेष्ठ कार्य महिलाओं को वैदिक यज्ञ एवं वेद पाठ करने का अधिकार दिया। महर्षि दयानंद सरस्वती महाराज ने अपने जीवन में महिलाओं को यज्ञोपवीत पहनने का भी अधिकार दिया। महात्मा शुचिषद् ने बताया जीवन को सुंदर ढंग से जीना ही वैदिक कला है, वेदों में कहा है जीवन में सदा मानसिक आत्मिक और शारीरिक बल की उपासना करनी चाहिए। वैदिक यज्ञ को सफल बनाने में आचार्य सानंद का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर वीना आर्य, वीरमति आर्य, ज्योति कटारिया, सुमेधा गुलाटी, सुनीता गुलाटी, इंद्र मोहन गुलाटी, इंद्र मोहन आहूजा, रवि अहलावत, अनिल आर्य, रणवीर सिंह आर्य, कृष्णा खटकड़, गुलशन नंदा संतोष सूटा, सुदर्शन आर्या, कांता नागपाल, सुनील आर्य बिंजल, रेनू ठुकराल, उमेश नंदा, महेंद्र चड्ढा, मंजरी चड्ढा, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। शांति पाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।