पानीपत। मुख्यमंत्री के अधीन आने वाले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में लगातार हो रहे हैं बड़े-बड़े घोटाले शिकायतों के बावजूद भी कार्रवाई के नाम पर सालों निकल जाते हैं और तब तक अधिकारी उस पर लीपापोती करके मामले को ही खत्म कर देते हैं इसी प्रकार का एक मामला सेक्टर 25 पार्ट 2 की प्लाट नंबर 726 जिसकि फर्जी तरीके से अलॉटमेंट करने की विजिलेंस में जांच चल रही है और हुड्डा विभाग द्वारा उसकी फर्जीवाड़ा करते हुए बिना कन्वेंस डीड कंप्लीशन तक कर दी गई। यह आरोप जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने मुख्यमंत्री हरियाणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा, मुख्य प्रशासक पंचकूला, प्रशासक एचएसवीपी रोहतक, डीजीपी एंटी करप्शन ब्यूरो हरियाणा, चीफ विजिलेंस ऑफिसर एचएसवीपी को भेजी शिकायत के बाद प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहीं।
उन्होंने बताया कि सेक्टर 25 पार्ट 2 कमला रानी की एप्लीकेशन पर मुख्य प्रशासक ने सरकार को सलाह के लिए भेजी कि इनको किस टर्म कंडीशन के तहत प्लॉट दिया जाए, जिस पर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने लिखा कि इन अलाटियो को अगर पुरानी शर्तों पर प्लाट देना है तो विभाग पॉलिसी बनाए तब कोई आगामी कार्रवाई करें जिसे मुख्यमंत्री ने पॉलिसी बनाने के लिए अप्रूव्ड कर दिया, लेकिन मुख्यालय में कार्यरत सुपरिटेंडेंट भारत भूषण तनेजा ने इस पत्र को ही अप्रूव्ड लिखकर अलॉटमेंट पत्र जारी कर दिया।
मामला यहीं नहीं रुका नवीन जिंदल प्रॉपर्टी डीलर ने एक और अस्थाई सुपरिंटेंडेंट नितिन हुड्डा के साथ सांठगांठ करके अपने द्वारा मंजूर करवाए जाने वाली ओस्टेज कोटे की फाइलों के प्लाट 735पी, 232ए ,1061, 1413, 1412,975,568ए ,568बी के साथ जोड़ दिया और फर्जी तरीके से 1 मई 19 को बिना अप्रूवल के पत्र जारी कर दिया। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि उससे कुछ आवेदको को 2008 में ही रिजेक्ट कर रखा था, जिसमें मालूम हुआ कि मिलीभगत के तहत बिना पात्रता के ही बड़े प्लाट दे दिए गए, जिनकी उनके द्वारा 28 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री, मुख्य प्रशासन, प्रशासक रोहतक, संपदा अधिकारी एचएसवीपी को की जिसकी शिकायत जांच मुख्य सतर्कता अधिकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला द्वारा की जा रही है। इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में प्रशासक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण रोहतक ने दिनांक 28 जून 24 के अपनी भेजी जांच रिपोर्ट में माना की प्लाट नंबर 726 कि अधिकृत भूमि 75% से कम है इसलिए यह प्लाट देना नहीं बनता और इसको कैंसिल किया जाना चाहिए लेकिन उनके जूनियर अधिकारी उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दलालों और अलॉटियों को फायदा पहुंचाने की नियत से बिना कन्वेंस डीड ही इसकी कंप्लीशन जारी कर रहे हैं।