इ ऑक्शन में हुए 1 एकड़ के प्लॉटो में हुए 60 करोड के घोटाले की बात बढ़कर अब 90 से 95 करोड़ पहुंच गई : स्वामी

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Panipat News/The scam of 60 crores in 1 acre plots in e-auction has now increased to 90 to 95 crores: Swami
Panipat News/The scam of 60 crores in 1 acre plots in e-auction has now increased to 90 to 95 crores: Swami
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। ई ऑक्शन में पानीपत रिफाइनरी में पिछले साल हुई बोली के अंदर एक दलाल द्वारा व्यापारियों से मिलीभगत करके एक जगह पर बैठा कर कम से कम बोली लगवा कर सरकार के साथ करोड़ों का घोटाला किया गया। यह बात जोगिंदर स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत पर महानिदेशक एचएसआईआईडीसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उक्त प्लाट की बोली को कैंसिल कर दिया था, जिसकी जांच मनीष कुमार लोहार एचसीएस उपसचिव उद्योग एवं वाणिज्य डिपार्टमेंट चंडीगढ़ हरियाणा कर रहे हैं।

बड़ी सांठगांठ के तहत इस षड्यंत्र को अंजाम दिया गया था

जिसके चलते बुधवार को चंडीगढ़ में उनको बुलाया गया था, लेकिन स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण उनके द्वारा लिखित पत्र लिखकर रिफाइनरी इंडस्ट्रियल एरिया में 30 दिसंबर को 1 एकड़ के प्लाटो की ई ऑक्शन बोली 16150 रुपए प्रति वर्ग मीटर से लेकर 21150 प्रति वर्ग मीटर तक लगाई गई जिसकी ओसतन अनुमानत लगभग 18650 प्रति वर्ग मीटर बैठती है, जबकि पूर्व में घोटाले वाली बोली 9200 से  लेकर 9600 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक सीमित रखी गई थी उन्होंने कहा कि उस बोली की टाइमलाइन को दर्जाबार चेक कर लिया जाए तो खुद स्पष्ट हो जाता है कि कितनी बड़ी सांठगांठ के तहत इस षड्यंत्र को अंजाम दिया गया था।

शिकायत करने वाले लोगों को परेशान किया जाता है

उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र के अंदर कुछ विभाग के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि बगैर मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला नहीं किया जा सकता। अगर वे समय पर शिकायत ना करते तो इन प्लाटों की कौड़ियों में बंदरबांट हो गई होती। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के घोटालों की जानकारी विभाग और सरकार को दी जाती रही है। जिससे कि सरकार को करोड़ों की बचत होती है, लेकिन इन शिकायतों का खामियाजा फिर हम ही लोगों को भुगतना पड़ता है कि अपनी शिकायतों को सही साबित करने के लिए उच्च अधिकारियों के सामने चक्कर लगाने पड़ते हैं, जबकि इस प्रकार के प्रमाण और साक्ष्य खुद विभाग के पास मौजूद होते हैं, लेकिन उस पर अमल ना करके शिकायत करने वाले लोगों को परेशान किया जाता है और बार बार किराया लगवा कर उनको आगे के लिए खामोश रहने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।

पत्र को ही उनके बयान समझा जाए

जबकि सरकार को इतने बड़े घोटाले उजागर होने के बाद ऐसे लोगों को सम्मानित करना चाहिए। उन्होंने अपने पत्र में जांच अधिकारी से अनुरोध करते हुए मांग की कि 31 दिसंबर 2022 की बोली को आधार बनाकर पिछले समय में लगी बोली की जांच की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वह उपस्थित नहीं हो सकते। उनके पत्र को ही उनके बयान समझा जाए और पिछले प्लाटों की बोली दोबारा करवाई जाए तो खुद पता चल जाएगा कि यह  सैकड़ों करोड़ का घोटाला था।