- डीडीए ने कई गांवों का दौरा कर लिया जायजा
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। धान की कटाई का सीजन जोर पकड़ चुका है। ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियांे ने किसानों को पराली में आग लगाने से रोकने और फिल्ड में उतरकर मौका मुआयना करने के लिए कमर कस ली है। शनिवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पानीपत के उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह के नेतृत्व में विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न गांवों में पहुंचकर खेतों में पराली प्रबंधन का जायजा लिया। उन्होंने आज खंड समालखा के गांव चुलकाना तथा खंड इसराना के गांव ग्वालड़ा, मांडी, उरलाना, जोशी आदि का दौरा किया तथा किसानों द्वारा काटी गई धान के उपरांत बेलर के माध्यम से पराली की गांठों का भी निरीक्षण किया।
पराली में बिल्कुल भी आग न लगाएं
उन्होंने बताया कि जिला पानीपत में अनुदान पर उपलब्ध करवाए गए 33 बेलरों के माध्यम से पराली की गांठे बनाई जा रही हैं। सीएचसी के माध्यम से यह पराली खरीद की जा रही है जिसे विभिन्न औद्योगिक संस्थानों व ईंट भट्ठों द्वारा खरीदा जा रहा है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे पराली में बिल्कुल भी आग न लगाएं। बल्कि पराली को सीएचसी को बेचें या उसे मशीनों के द्वारा खेत में ही नष्ट कर दें जिससे किसान को एक हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार से अनुदान मिलेगा।
विजेन्द्र सिह ने भी विभिन्न गांवों में पराली में आगजनी रोकने को लेकर दौरा किया
ऐसा करके किसान न केवल जुर्माने से बच सकता है, बल्कि अपनी आय भी बढ़ा सकता है। इस मौके पर उनके साथ सहायक कृषि अभियंता सुधीर कुमार, गुण नियंत्रण निरीक्षक शमशेर सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं मडलौडा खंड में एसएमएस (पीपी) डॉ. देवेन्द्र कुहाड़, खंड कृषि अधिकारी इसराना विजेन्द्र सिह ने भी विभिन्न गांवों में पराली में आगजनी रोकने को लेकर दौरा किया।
जिले में अब तक 12 घटनाएं, 25 हजार रूपए जुर्माना
डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि चालू सीजन में जिला पानीपत में एएफएल की रिपोर्ट के आधार पर आगजनी की 12 घटनाएं ट्रेस की गई हैं, जिनमें नियमानुसार आरोपी किसानों पर विभाग द्वारा 25 हजार रूपये जुर्माना लगाया गया है। सेटेलाइट के माध्यम से जो भी लोकेशन प्राप्त होती है, संबंधित अधिकारी द्वारा मौका निरीक्षण करके रिपोर्ट की जाती है और जो किसान इसमें दोषी पाया जाता है तो उस पर 2500 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान आदेशों की पालना नहीं करेगा तो उस पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
ग्राम स्तर पर पटवारी नियुक्त, छुट्टियां रद्द
डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि पराली में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा ग्राम स्तर पर पटवारी की नियुक्ति कर दी गई है जो कि इन घटनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ संबंधित किसान की जानकारी देने में कृषि विभाग के अधिकारियों का सहयोग करेगा। पराली में आगजनी को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का अवकाश भी रद्द कर दिया गया है। सरकार तथा जिला प्रशासन के आदेशों की कड़ाई से पालना की जा रही है। प्रत्येक कर्मचारी व अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र में पराली में आगजनी को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने की हिदायत दी गई है। त्योहारों के समय में भी यह अभियान जारी रहेगा।
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