- ब्राह्मण समाज से माफ़ी मांगे मुख्यमंत्री
- इस सरकार ने वोट पाकर ब्राह्मणों को किया दरकिनार
- 11 दिसंबर को आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में मुख्यमंत्री को मुख्य अतिथि बनाना समाज के साथ अन्याय
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। पानीपत पहुंचे नवीन जयहिंद ने पानीपत में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने बताया कि करनाल में 11 दिसंबर को ब्रह्माण्ड महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बतौर मुख्य अतिथि सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आमंत्रित किया गया है। लेकिन शर्म की बात है की इस कार्यक्रम में आयोजकों से लेकर मुख्य अतिथि तक कोई भी ब्राह्मण नहीं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी देते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि हरियाणा और केंद्र में बीजेपी की जो सरकार हाल में स्थापित है उसमे 80-85 प्रतिशत ब्राह्मणो का योगदान है फिर भी सरकार ब्राह्मणों के विरोध में है। अब और नहीं सहा जाएगा। उहोंने कहा कि प्रदेश में 4 सांसद ब्राह्मण है, लेकिन कार्यक्रम के अतिथि मनोहर लाल खट्टर और कार्यक्रम के आयोजक भी ब्राह्मण नहीं। ये महाकुम्भ तभी सफल मन जाएगा, जब सभी फरसा धारी इस कार्यक्रम में फरसा लेकर पहुंचेंगे।
ब्राह्मण समाज की मुख्यमंत्री से केवल 5 मांगे है
1. इस प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक बुजुर्ग ब्राह्मण की गर्दन काटने की जरूरत की है, फरसा दिखा कर ब्राह्मणों का अपमान किया है। ऐसी हरकत करना एक प्रदेश के मुख्यमंत्री कप शोभा नहीं देता। जेई की परीक्षा में एक ब्राह्मण के बेटी को अशुभ बताया गया था- मुख्यमंत्री के राज में ऐसा होना शर्मनाक है। और काले पंडित को अशुभ बता कर भी 36 बिरादरियों और ब्राह्मण समाज का अपमान किया है। मुख्यमंत्री को इन सभी से माफ़ी मांगे।
2. जेएनयू और सिरसा में ब्राह्मण और बनिया समाज के खिलाफ जिन विरोधियो ने नारे लगाए है उन लोगों पर तुरंत करवाई कर के ये साबित करे कि मुख्यमंत्री ब्राह्मणों के हितों की रक्षा कर सकते है।
3. ईबीपीजी कोटा को बंद कर के सरकार ने घोर पाप किया है। इस 10 प्रतिशत आरक्षण को सरकार ने बंद कर दिया ये ब्राह्मणो के साथ अन्याय है। मुख्यमंत्री सोचते है कोटा खत्म करने से ब्राह्मण भूखा मर जायेगा लेकिन हम स्पष्ट कर दे ब्राह्मणों को बेरोजगार कर के हम भूखे नहीं मरने वाले। अगर मुख्यमंत्री सच में ब्राह्मणों को हितैषी है तो जल्द से जल्द ईबीपीजी कोटे को बहाल करे। साथ ही दोहली की जमीन के मालिकाना हक़ को ब्राह्मणो को वापिस दिलाए।
4. करनाल लोक सभा ब्राह्मणों की राजधानी है, लेकिन खट्टर सरकार यहाँ से भी ब्राह्मणो का सफाया करना चाहती है, इसलिए यहाँ से भी ब्राह्मणो को टिकट देना बंद कर दिया। मुख्यमंत्री को चेताते हुए जयहिंद ने कहा की मुख्यमंत्री करनाल लोकसभा सीट पर ब्राह्मण को टिकट देकर ये साबित करे की वो पक्षपात हुए जात- पात की राजनीति नहीं करते। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता से ये वादा करे की एक पद केंद्र मंत्री मंडल और एक पद राज्य मंत्रिमंडल में ब्राह्मणों को दिया जाएगा।
5. आठ साल की सरकार में ब्राह्मणों को कही संरक्षण नहीं मिला। साथ ही इतने बड़े ब्राह्मण समाज में से 3 जिलों के डीसी और 3 जिलों के एसपी ब्राह्मण नियुक्त किए जाएंगे साथ ही 2 पद वीसी के भी ब्राह्मणो के लिए संरक्षित किये जाएंगे और 20 चेरामन ब्राह्मण समाज से बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री को दिया 48 घंटे का समय
जयहिंद ने कहा की मुख्यमंत्री ने जो भी अपशब्द ब्राह्मण समाज के लिए कहे है उसके लिए मुख्यमंत्री नाक रगड़ कर ब्राह्मण समाज से माफ़ी मांगे और इन सभी मांगो को 10 दिसंबर रात 9 बजे से पहले मान ले वरना ब्राह्मण समाज अपने हक़ को मांगना नहीं लड़ कर जीतना भी जनता है।
स्टेज पर सम्मान के साथ 36 बिरादरियों को जगह दी जाए
जयहिंद ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता के इतने शुभचिंतक है तो ब्राह्मण, ठाकुर, जाट, यादव, गुज्जर, पंजाबी दलित अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे सभी समाजो के प्रतिनिधियों को सामान्य रूप से मंच पर बैठने का अधिकार दिया जाए। ना कि केवल अधिकारियों और कुछ नेताओं को ही मंच पर विराजित कर ब्राह्मण माकुभ की इतिश्री कर दी जाए।
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