पानीपत। स्थानीय जिनवाणी विद्या भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रसिद्ध लेखक प्रो. अर्जुन कादियान पहुंचे। इस अवसर पर जिनवाणी विद्या भारती के प्रिंसिपल नीलम गक्खड ने उनका स्कूल में पहुंचने पर स्वागत किया। प्रो. अर्जुन कादियान अभी तक दो पुस्तकें लिख चुके हैं, जिसमें एक हरियाणा लैंड ऑफ गॉड और दूसरी ओलंपिक विजेता खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के जीवन पर आधारित नीरज चोपड़ा नामक पुस्तक से प्रसिद्ध है। अपनी शोध और रिसर्च के माध्यम से अर्जुन अपनी लेखनी को साकार करते हैं और जो बातें भूल चुके हैं वह अपनी लेखनी के माध्यम से जागृत कर रहे हैं।
जैन धर्म का इतिहास पानीपत में बहुत ही प्राचीन है
इस अवसर पर उन्होंने पानीपत के युवा समाजसेवी अधिवक्ता मेहुल जैन से पानीपत में जैन धर्म के इतिहास पर बातचीत की। अधिवक्ता मेहुल जैन ने बताया कि जैन धर्म का इतिहास पानीपत में बहुत ही प्राचीन है। उन्होंने बताया कि पानीपत में हजारों वर्ष प्राचीन जैन मंदिर व जिन प्रतिमाएं मौजूद है और उन्होंने बताया कि जिस प्रांगण में जिनवाणी विद्या भारती स्कूल बना हुआ है, यहीं पर पानीपत का प्रसिद्ध जैन हाई स्कूल हुआ करता था। जैन हाई स्कूल की स्थापना वर्ष 1909 में हुई थी। ऐसा बताया जाता है कि लाहौर से दिल्ली तक जीटी रोड बेल्ट पर अंबाला और पानीपत में ही दो बड़े स्कूल थे जो जैन स्कूल के नाम से प्रचलित थे।
जैन रथ यात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया जैन धर्म का इतिहास पानीपत में बहुत ही प्राचीन है। यहां पर हर वर्ष महावीर जयंती के उपलक्ष में जैन रथ यात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से आज भी धूप दशमी के पावन अवसर पर पारंम्परिक जोत भ्रमण यात्रा का आयोजन होता है और अनंत चौदस के अवसर पर भव्य जल यात्रा का भी आयोजन जैन समाज के द्वारा किया जाता है।
दिगंबर संप्रदाय के 7 मंदिर और श्वेतांबर संप्रदाय का एक मंदिर व 4 स्थानक हैं
पानीपत में दिगंबर संप्रदाय के 7 मंदिर हैं और श्वेतांबर संप्रदाय का एक मंदिर व 4 स्थानक बने हुए है। जहां पर समय-समय पर जैन साधु विराजमान रहते हैं। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल नीलम गक्खड व जैन स्कूल सोसायटी के सदस्य मेहुल जैन ने प्रो. अर्जुन कादियान व प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर रथ फाउंडेशन के सदस्य अनिरूद्ध को स्मृति चिन्ह देकर उनका मान सम्मान किया गया।