- पाइट में रीसाइक्लिंग एवं सस्टेनएबिलिटी पर वर्कशाप
- निर्यातकों व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने किया विमर्श
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। टेक्नॉलोजी और रीसाइक्लिंग से हम पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को और आगे बढ़ा सकते हैं। रीसाइक्लिंग की वजह से ही पानीपत की इंडस्ट्री की ग्रोथ हुई है। अब नई तकनीक को भी साथ लेकर हम दुनिया में अपने देश का नाम रोशन कर सकते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ा सकते हैं। यह बात पाइट के सचिव एवं एसके इंटरप्राइजिज के निदेशक सुरेश तायल ने कॉलेज में रीसाइक्लिंग एवं सस्टेनएबिलिटी पर आयोजित वर्कशाप में कही।
कंपनी कनेका के सहयोग से वर्कशॉप का आयोजन किया
सुरेश तायल, चेयरमैन हरिओम तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, एचपीटी कंपनी से डॉ.नंदन कुमार, आइआइटी दिल्ली से डॉ.बिपिन कुमार, डॉ.जावेद शेख, कॉलेज के निदेशक डॉ.शक्ति कुमार, टेक्सटाइल विभाग के अध्यक्ष डॉ.रजत बलदुआ, जापान की कंपनी कनेका से सुमित बानिक ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यंग एंटरप्रन्योर सोसाइटी (यस) के पानीपत चैप्टर, इंडियन टेक्नीकल टेक्सटाइल एसोसिएशन, नॉर्दर्न इंडिया सेक्शन ऑफ टेक्सटाइल इंस्टीटयूट एवं जापान की कंपनी कनेका के सहयोग से वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मंच संचालन डीन डॉ.बीबी शर्मा ने किया।
कृषि के बाद दुनिया की सबसे बड़ी है टेक्सटाइल इंडस्ट्री
डॉ.बिपिन कुमार ने कहा कि कृषि के बाद दुनिया की सबसे बड़ी है टेक्सटाइल इंडस्ट्री। करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। हर साल 92 मिलियन टन वेस्ट भी इसी इंडस्ट्री से निकलता है। इसे हम हाई वैल्यू ब्लेंडिड से टेक्नॉलोजीकल टेक्सटाइल उत्पाद बना सकते हैं। डॉ.जावेद शेख ने ऐसे केमिकल की चर्चा की, जिसका इस्तेमाल कर ऐसे कपड़े बना सकते हैं, जो आग नहीं पकड़े। डॉ.नंदन ने यूके और यूएसए की मार्केट का उदाहरण देकर बताया कि किस तरह वहां की इंडस्ट्री सुरक्षा उत्पादों पर फोकस करती है। एरामिड और पोलिमर को कॉटन एवं वूल के साथ मिलाकर हमें भी ऐसे उत्पाद बनाने चाहिए।
नए उत्पाद के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक इंडस्ट्री को आगे नहीं बढ़ा सकेंगे
वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि जब तक रिसर्च नहीं करेंगे, नए उत्पाद के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक इंडस्ट्री को आगे नहीं बढ़ा सकेंगे। यस के चेयरमैन रमन छाबड़ा ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी में अगर हम कामयाब हो जाते हैं तो पानीपत को बहुत बड़ा बिजनेस मिल सकता है। इस अवसर पर आइआइटी से रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ.वीके कोठारी, संदीप गोयल, सुदर्शन शर्मा, धीरज मिगलानी, वीभू पालीवाल, यस से सचिव रजत ग्रोवर, यस के राष्ट्रीय निदेशक पूर्ण रावल, राजीव सेठ, सुनील मित्तल, शिवालिका रग्स से सतिंद्र लीखा मौजूद रहे। डीन डॉ.जेएस सैनी ने समापन अवसर पर कहा कि इंडस्ट्री के इतने लोगों का एकसाथ आना अपने आप में बड़ी कामयाबी है। प्रोजेक्ट सफल होता है तो हजारों लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।