पानीपत। सावन माह में हरियाली तीज पर्व को लेकर नवविवाहिताओं और महिलाओं में काफी उत्साह है। तीज के लिए महिलाओं ने सजने-संवरने के लिए जहां एक दिन पूर्व खरीदारी की और मेहंदी भी लगवाई है। इसके साथ ही रविवार को तीज पर सखियों संग झूला झूलती भी नजर आई। तीज पर्व बाजार में महिलाओं की भीड़ नजर आई, जिन्होंने चूड़ियां सौंदर्य प्रसाधन, सूती साड़ियों, सूट, जेवरात, कॉस्मेटिक के सामान की खरीदारी की। पर्व को लेकर बाजार भी गुलजार नजर आए, जिसको लेकर महिलाओं में उत्साह है। इसके साथ ही तीज खास मिठाई घेवर की भी खूब बिक्री हुई है।
नवविवाहिताओं ने सोलह श्रृंगार कर परिवार व सहेलियों के साथ मनाया तीज पर्व
तीज को लेकर नवविवाहिताओं में उत्साह नजर आया। किसी को सरप्राइज गिफ्ट का इंतजार है तो किसी को कैंडल लाइट डिनर का। नवविवाहिताओं ने सोलह श्रृंगार कर परिवार व सहेलियों के साथ मनाया। कुछ नवविवाहितों से तीज पर्व को लेकर बात हुई तो उन्होंने बताया कि रीति रिवाज के मुताबिक सुसराल की ओर से उनके लिए ड्रेस के साथ ज्वेलरी व मेंहदी भी आई है। साथ ही परिवार व पड़ोस की महिलाओं के साथ झूला भी झूला।
पहली बार मना रहीं तीज, की शिव-पार्वती की आराधना
नव विवाहिताओं में पहले तीज पर्व को लेकर उत्साह है। पानीपत के गांव ज्वारा निवासी विजेता पत्नी जितेन्द्र ने बताया कि शादी के बाद उसकी पहली तीज है। तीज पर्व पर परिवार के साथ मां पार्वती-शिव की पूजा अर्चना करके मनाई। इसके साथ ही सखियों संग झूला झूली। तीज पर्व को लेकर विजेता बेहद खुश हैं। इस दिन सोलह श्रृंगार कर निर्जल उपवास रखकर परिवार की बुजुर्ग महिलाओं से कथा सुनकर उनका आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही अपने दांपत्य जीवन में खुशी और पति की सलामती एवं लंबी उम्र की कामना की।
कोरोना की वजह से फीका रहा था पर्व, इस बार रौनक
पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते तीज पर्व फीका रहा था। क्योंकि, लोगों में कोरोना की दहशत थी और बाजारों में भी खरीदारी नहीं हुई थी, लेकिन इस बार कारोबार बढ़ा है। चौकी सराय के चूड़ी कारोबारी नदीम खान का कहना है कि चूूड़ियों का व्यापार अच्छा रहा है। कॉस्मेटिक कारोबारियो का कहना है कि तीज को लेकर सौंदर्य प्रसाधन का सामान महिलाओं ने खरीदे हैं। वहीं, बाजारों मेहंदी लगवाने के लिए स्टॉल भी लगाए गए हैं। जहां पर महिलाएं हाथ से लेकर कलाई तक मेहंदी लगवा रही हैं।
नहीं रहे अंगना में दरखत, कैसे पड़े अमवा की डाली में झूला
पहले गांवों में पेड़, पुराने मकानों की दहलीज पर झूले डाले जाते थे। तीज त्यौहार की मल्हार चारों ओर गूंजता थी। गांव बराना की बुजुर्ग महिला बिमला, प्रेमवती, संतोष, मुन्नी, बलवंती आदि का कहना है कि हर त्यौहार पर उन्हें अपनी पुरानी यादें आती है। बदलते जमाने की रफ्तार और ऊपर से भाईचारे की कमी से अब हर त्योहार की रौनक फीकी पड़ गई है।
शहर के विभिन्न महिला संगठनों ने भी धूमधाम से मनाया तीज पर्व
नारी तू नारायणी संस्था, स्माइल फाउंडेशन, महिला क्लब्स ने भी तीज के त्योहार को पारंपरिक तरीके से मनाया। महिलाएं, हरे, लाल और पीले रंगो के पारंपरिक परिधानों में तीज आयोजन में पहुंच थी।जहां अभी ने मिलकर खूब मस्ती की और पारंपरिक गीतों पर झूला झूली और डांस भी किया।