आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल पानीपत परिसर में प्रतिभाशाली बाल पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक राजेंद्र जागलान मुख्य अतिथि रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या रेखा शर्मा ने की। विद्यालय के उप प्राचार्य आचार्य राजकुमार शर्मा ने सभी का स्वागत किया और आर्य समाज कावड़ी के उप प्रधान ओम दत्त आर्य ने वैदिक धर्म के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ आरंभ हुआ और शांति पाठ के साथ समारोह संपन्न हुआ।
भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं
आज के समारोह में लगभग 200 ऐसे बच्चों को प्रमाण पत्र व नगद पुरस्कार दिए गए, जिन्होंने जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन किया। मुख्य अतिथि राजेंद्र जागलान ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आगामी 12 फरवरी को दिल्ली के इंदिरा गांधी इन्डोर स्टेडियम में विश्व स्तरीय आर्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगें। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और प्रतिभाशाली छात्रों के लिए देश विदेश में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। इसलिए छात्रों को वैदिक धर्म का पालन करते हुए लक्ष्य निर्धारित करके शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
स्वामी दयानंद सरस्वती प्रखर बुद्धि के राष्ट्रवादी सुधारक थे
उन्होंने कहा कि ऋषि दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द ने वेदों के बताए मार्ग पर चलते हुए इस देश को न केवल आजाद करवाया, बल्कि आजाद देश को उचित मार्ग दर्शन देने का कार्य भी किया, ताकि इस देश को ऋषि और प्राकृतिक कृषि के माध्यम से पुनः जगद्गुरू का दर्जा दिलवाया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज सेवा एक पुण्य कार्य हैं। इसके कारण लोग अमर हो जाते है तथा उन्हें सदियों तक याद भी किया जाता हैं। बड़ी से बड़ी सामाजिक बुराई को समाज सेवा रुपी हथियार की मदद से दूर किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती प्रखर बुद्धि के राष्ट्रवादी सुधारक थे।
समाज की बुराइयों के कटु आलोचक थे
उन्होंने भारतीय समाज मे प्रचलित बाल विवाह पर्दा प्रथा बहुविवाह जाति प्रथा अस्पृश्यता आदि बुराइयों को खत्म करने का सराहनीय कार्य किया। वे समाज की बुराइयों के कटु आलोचक थे। स्वामीजी ने स्त्री शिक्षा, विधवा विवाह तथा अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहित कर स्त्री समाज के उन्नयन का कार्य किया। उन्होंने विधवाश्रम तथा अनाथालयों की स्थापना की एवं समाज मे प्रचलित जादू टोना एवं अंधविश्वासों को जड़मूल से समाप्त करने का अथक प्रयत्न किया।
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