– पंजाब की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद 4000 रुपये से 4200 रुपये के बीच, जबकि हरियाणा में 5800 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है
– पंजाब सरकार के किसान हितैषी होने के दावे हुए खोखले साबित हुए
– हरियाणा सरकार ने सही मायने में किसान हितैषी होने का दिया परिचय
Aaj Samaj (आज समाज),Sunflower purchase in Haryana at Rs 5800 per quintal, पानीपत :किसान मसीहा होने के नाते हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल न केवल मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़े हैं बल्कि प्रदेश के किसानों को पंजाब के मुकाबले उनकी फसलों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कहीं अधिक दे रहे हैं। हरियाणा सरकार ने इसके लिए भावांतर भरपाई योजना शुरू की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री ने अब प्रदेश के सूरजमुखी किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरित राहत देने का निर्णय लिया है।
शाहाबाद अनाज मंडी में एकाएक सूरजमुखी की आवक तेज हो गई
इस निर्णय के बाद शाहाबाद अनाज मंडी में एकाएक सूरजमुखी की आवक तेज हो गई है। इससे जहां एक ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतराल को पाटने के साथ किसानों को बड़ी राहत दी है तो वहीं दूसरी ओर पंजाब सरकार के किसान हितैषी होने के दावे की भी पोल खोल दी है। पंजाब में तो किसानों को अपनी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में सबसे अधिक सूरजमुखी की पैदावार होती है और इसकी खरीद का मुख्य केंद्र शाहाबाद मंडी है। इसके अलावा, अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला जिले की आठ मंडियों में भी सूरजमुखी खरीद केन्द्र बनाए गए हैं।
हैफेड द्वारा पहली बार सूरजमुखी फसल की खरीद
मुख्यमंत्री के प्रयास से हैफेड द्वारा पहली बार सूरजमुखी फसल की खरीद आरम्भ की है और हैफेड ने मंडियों में खरीद के लिए अंत तक बने रहने की घोषणा की है। हालांकि, केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है। परंतु बाजार में इसके खरीददार कम हैं इसलिए हरियाणा सरकार ने हैफेड को बाजार में खरीद के लिए उतारा है, जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके। किसानों का हैफेड के प्रति पहले से ही भरोसा कायम है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में सूरजमुखी की सरकारी खरीद आरम्भ की गई है। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री जब जी.टी. रोड से दिल्ली की ओर जा रहे थे तो उन्होंने शाहाबाद अनाज मंडी के औचक निरीक्षण के दौरान देखा की बारिश के चलते सूरजमुखी खराब हो रही थी क्योंकि कोई खरीददार नहीं था। तब से मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से कुल सूरजमुखी आवक का 20 प्रतिशत खरीदने की घोषणा की थी, जबकि इसके अगले वर्ष इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया और उसके बाद इसे बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया गया है।
हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 5800 रुपये प्रति क्विंटल
हैफेड ने शाहाबाद अनाज मंडी में कल 4850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सूरजमुखी की खरीद की है और अंतरित भावांतर भरपाई योजना के तहत मुख्यमंत्री की 1000 रुपये प्रति क्विंटल राहत की घोषणा के साथ ही अब हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 5800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जबकि बाजारी भाव इससे कहीं कम इस समय पंजाब की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद 4000 रुपये से 4200 रुपये के बीच हो रही है, जिसमें पटियाला जिले के सूरजमुखी किसान हरदेव सिंह निवासी गांव भटिरास, मंगत सिंह निवासी नाभा साहिब, गुरदीप सिंह निवासी बहलोलपुर, हनीश कुमार निवासी बनूड़, गुरलाल सिंह निवासी नंदगढ़ और बलजीत सिंह निवासी गरदीनगढ़ शामिल हैं।
केन्द्र सरकार ने 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये
हालांकि, मुख्यमंत्री ने भी सूरजमुखी की खरीद पर 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरिम भावांतर भरपाई की राहत की घोषणा के चलते आशंका जताई थी कि अन्य प्रदेशों के किसान भी हरियाणा में अपनी फसल बेचने के लिए रुख कर सकते हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि किसान हितैषी होने के नाते उनके भाव एवं सहानुभूति सदैव किसानों के साथ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने भी बुआई सीजन के आरंभ होने से पहले ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का एक स्थायी फार्मूला लागू किया है। इससे किसान के पास यह विकल्प रहता है कि उसे किस फसल के बोने से अधिक लाभ होगा। अभी हाल ही में, केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये हैं।