आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल परिसर में छात्र प्रतिभा सम्मान पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंधक समिति के मैनेजर राजेंद्र जागलान रहे। विशिष्ठ अतिथि विद्यालय के उप प्राचार्य संस्कृत आचार्य राजकुमार शर्मा रहे। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्या रेखा शर्मा ने की। समारोह का शुभारंभ वैदिक प्रार्थना के साथ हुआ और शांति पाठ के साथ ही समारोह संपन्न हो गया। इस अवसर पर प्रबंधक समिति की ओर से जेईई मेंस राष्ट्रीय परीक्षा में विद्यालय के कक्षा बारहवीं के छात्र नितेश अहलावत और इसी कक्षा के मयंक स्वामी को उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने पर सम्मानित किया गया।
होनहार बिरवान के होत चिकने पात कहावत को चरितार्थ कर दिया
प्रबंधक राजेंद्र जागलान ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि होनहार बच्चे की प्रतिभा के लक्षण बचपन में ही परिलक्षित हो जाते हैं और ऐसे बच्चे ही ऊंचाइयों को छू कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने प्रदेश का नाम रोशन करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के छात्र नितेश अहलावत ने यह कहावत पूरी तरह से चरितार्थ की है कि होनहार बिरवान के होत चिकने पात कहावत को चरितार्थ कर दिया है, उन्होंने उन्होंने कहा कि नितेश ने कक्षा पांचवी आठवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और कक्षा दसवीं की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करके हरियाणा का नाम रोशन किया है और अब इस परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करके आईआईटी माध्यम से यांत्रिक इंजीनियरिंग का कोर्स करने का निर्णय लिया है।
मयंक स्वामी ने कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग करने का निर्णय लिया
छात्र के पिता देवेंद्र बबैल ने बताया कि इस उपलब्धि को हासिल करने में जहां आर्य बाल भारती के अध्यापकों का विशेष योगदान है, वही नितेश की मां अनीता अहलावत का भी कम सहयोग नहीं है। जब नितेश प्रवेश परीक्षा की 12 -12 घंटे तक तैयारी करता था तो उसकी मां भी उसके साथ रात्रि 12 बजे तक जागती थी। उल्लेखनीय है कि नितेश अहलावत के पिता गांव बबैल में सीमांत किसान हैं और छोटी जोत होने के बावजूद उन्हें प्रगतिशील किसान की श्रेणी में सम्मान हासिल है। इसी प्रकार इस विद्यालय के कक्षा बारहवीं के छात्र मयंक स्वामी ने भी इसी परीक्षा में 80 प्रतिशत अंकों के साथ कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग करने का निर्णय लिया है।
सफलता केवल साधनों से ही नहीं साधना से भी प्राप्त होती है
मयंक के पिता सुशील बैरागीने भी एमएससी बी एड परीक्षा पास है और मयंक को इंजीनियर बनाने के लिए उन्होंने ही प्रेरित किया है और छात्र की माता शशि बाला ने बताया कि इस उपलब्धि में जहां विद्यालय की प्राचार्या रेखा शर्मा का उल्लेखनीय सहयोग रहा है। वहीं इनके पिता सुशील स्वामी ने भी इस छात्र को विज्ञान के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि यह छात्र भी प्रतिदिन 12 घंटे तक पढ़ाई करता था इस अवसर पर प्राचार्या रेखा शर्मा ने कहा कि सिद्धि और सफलता केवल साधनों से ही नहीं साधना से भी प्राप्त होती है।
अध्यापक अनिल शर्मा दीपक एवं नवीन को भी प्रबंधक समिति की ओर से सम्मानित किया गया
विद्यालय के छात्र इस सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं और यह गर्व और गौरव का विषय है कि इस विद्यालय में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी उच्च कोटि की सुविधाएं दी जाती है। उसी का परिणाम है कि आज इन छात्रों ने यह उपलब्धि हासिल करके एक बार फिर विद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। समारोह को विद्यालय के उप प्राचार्य आचार्य राजकुमार शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विज्ञान संकाय के अध्यापक अनिल शर्मा दीपक एवं नवीन को भी प्रबंधक समिति की ओर से सम्मानित किया गया।