पानीपत। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एडीसी वीना हुड्डा ने शुक्रवार को स्थानीय बाल भवन में श्री रामेश्वरम साई कला साधना मंच की ओर से आयोजित प्रथम हरियाली तीज उत्सव के अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि बोलते हुए आमजन से अपील की कि अपनी संस्कृति और त्यौहारों को सहेजने के लिए सामुहिक रूप से प्रयास करने होंगे। हम सब सदा से ही अपने त्यौहारों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ मनाते आए हैं। यही कारण है कि हमारे त्यौहारों की प्रासंगिकता सदा से ही रही है।
पेड़ कटने की वजह से झूले भी डलने बंद हो गए
उन्होंने कहा कि त्यौहार हमें आपस में इक्कठा होने और एक दूसरे को समझने व अपने भाव प्रकट करने का मौका देते हैं। त्यौहार हमें इस बात का संदेश देते हैं कि कैसे हर प्रदेश के त्यौहार हमारे देश की माटी से जुड़े हुए हैं। हमारी युवा पीढी और हमारे बच्चे इन त्यौहारों से दूर होते जा रहे हैं। इनमें कहीं ना कहीं हमारी व्यक्तिगत कमियां रही है। उन्होंने कहा कि पहले तीज के अवसर पर महिलाएं इक्कठी होकर झूला झूलती थी आजकल पेड़ कटने की वजह से झूले भी डलने बंद हो गए। इसलिए हमें पेड़ भी ज्यादा से ज्यादा लगाने होंगे ये भी हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई चीज है।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने त्यौहारों को सहेजने का बहुत बड़ा नेक काम किया
एडीसी वीना हुड्डा ने कहा कि वर्ष में आने वाले त्यौहारों को मनाने को लेकर सरकार और विभिन्न संस्थाएं भी मिलकर काम करती हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने त्यौहारों को सहेजने का बहुत बड़ा नेक काम किया है और महिलाओं के लिए रक्षाबंधन के अवसर पर बसों में आवागमन फ्री किया है, ताकि वे रक्षाबंधन के अवसर पर अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बसों में नि:शुल्क रूप से यात्रा कर सकें। सरकार की ओर से विभिन्न जयंतियां भी मनाई जा रही हैं ताकि हमारे प्रदेश के लोग और युवा पीढी इन त्यौहारों से रूबरू हो सकें।
बच्चों को देश के संस्कारों के साथ-साथ प्रदेश के रिति रिवाजों से भी रूबरू करवाएं
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को देश के संस्कारों के साथ-साथ प्रदेश के रिति रिवाजों से भी रूबरू करवाएं। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत श्री रामेश्वरम साई कला साधना मंच की ओर से प्रथम हरियाली तीज उत्सव आयोजित करने के लिए कला साधना मंच की प्रधान अरूणा शर्मा और इसके सभी पदाधिकारियों की खुले मन से प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएं संस्कृति को बचाने का काम कर रही है, जोकि प्रशंसा की पात्र है।
अपने बच्चों को हरियाणवी संस्कृति से रूबरू करवाएं : कुलदीप बांगड
डीआईपीआरओ कुलदीप बांगड ने कहा कि गैर सरकारी संस्थाए मिलकर इस तरह का आयोजन करती है तो वे कही ना कही संस्कृति की संवाहक बनी है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को हरियाणवी संस्कृति से रूबरू करवाएं और उन्हें तीज त्यौहारों से रूबरू करवाएं ताकि उन्हें अपने त्यौहारों के बारे में पता चल सके। बच्चों में अच्छे संस्कार डाले ताकि वे अच्छे समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सके।
सारे त्यौहार बाजारू होगे, इब पहले आली तीज कोन्या : दीपक पाराशर
एआईपीआरओ दीपक पाराशर ने कार्यक्रम में तीज के त्यौहार को लेकर हरियाणवी कविता प्रस्तुत की जिसकी सबने सराहना की। बूढी बैठी घर के बारणे, छोरी पतासे बाटण आई, करले दादी मुंह नै मीठा, मेरी मॉं की कोथली आई।
बूढी बोली के खांऊ लाडो घर की बणी या चीज कोन्या, सारे त्यौहार बाजारू होगे इब पहले आली तीज कोन्या।
उक्त हरियाणवी कविता को सुनकर सभी ने पुराने रिति रिवाजों की यादे ताजा की। दीपक पाराशर ने कहा कि अपनी संस्कृति को बचाने का जिम्मा हम सभी के कंधों पर है। हमें अपने संस्कारों और रिश्तों को बचाने के लिए भावनात्मक रूप से जुड़कर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने होगे जिससे लोग इन त्यौहारों के प्रति जागरूक हों।
पदाधिकारियों को पारितोषिक देकर सम्मानित किया
इस मौके पर श्री रामेश्वरम साई कला साधना मंच की प्रधान तरूणा शर्मा ने कार्यक्रम की मुख्यअतिथि एडीसी वीना हुड्डा को मंच की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया। एडीसी वीना हुड्डा ने कार्यक्रम के सभी पदाधिकारियों को पारितोषिक देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में हरियाणवी संस्कृति से औतप्रोत विभिन्न कार्यक्रम भी बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए। इस हरियाली तीज कार्यक्रम में प्रसिद्ध हरियाणवी कलाकार अनिल मस्ताना ने भी हरियाणवी गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीपाल सैनी ने किया। इस मौके पर भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दयानन्द खुंगर, सुदेश ग्रोवर, निधि ग्रोवर, कविता, दिलबाग, प्रेमलता, धर्मबीर, प्रमोद शर्मा, रोहित शर्मा, अमित गर्ग, राहुल शर्मा, श्वेता तुली, पंकज शर्मा, नरेन्द्र गर्ग इत्यादि उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।