साइबर क्राइम के विरुद्ध आमजन को जागरूक करने के लिए जिला पुलिस की विशेष मुहीम

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Panipat News/Special campaign of district police to make public aware against cyber crime
Panipat News/Special campaign of district police to make public aware against cyber crime
  • दशहरा पर्व पर कार्यक्रम स्थलों पर एकत्रित जनसमूह को साइबर क्राइम के विरूद्ध जानकारी देकर किया जागरूक
  • 10 हजार पंपलेट किए वितरित
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। साइबर अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा आमजन को साइबर अपराध के विरुद्ध जागरूक करने के लिए चलाई जा रही विशेष मुहीम के तहत पानीपत पुलिस द्वारा जिले में दशहरा पर्व पर देवी मंदिर, सेक्टर 25, सेक्टर 13/17, सेक्टर 12, माडल टाउन स्थित शिवाजी स्टेडियम, समालखा, मतलौडा, इसराना व बापौली में दशहरा स्थल पर उपस्थित जनसमूह को साइबर अपराध के विरूध जानकारी देकर जागरूक किया गया। इस दौरान साइबर जागरूकता की जानकारी से अंकित 10 हजार पंपलेट भी पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा वितरित किए गए।

निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करें

जिला पुलिस साइबर सैल में तैनात साइबर विशेषज्ञों द्वारा दशहरा स्थलों पर मुख्य मंच से लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि तकनीक के इस युग में जितनी तेजी से डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिला है उतनी ही तेजी से ठगी के नए-नए तरिके सामने आ रहे हैं। खुद को ठगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी जागरूकता व सतर्कता है। किसी भी अज्ञात नंबर से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करें। सहायता करने के नाम पर यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर इत्यादी किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो अपनी कोई भी जानकारी ना दें। साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग।

इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप को सुरक्षित लॉक करके रखें

इस दौरान बताया गया साइबर ठग किस प्रकार इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाने से नहीं चुकते। वह उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें।

सगे संबंधियों व साथियों को भी जानकारी देकर जागरूक करें

इस दौरान साइबर अपराध जैसे इन्टरनेट बैकिंग, एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ओलेक्स फ्राड, वॉलेट/यूपीआई संबधित धोखाधड़ी में सावधानियां, फेसबुक हैकिंग, बारकोड के माध्यम से होने वाले फ्राड, व्हाट्सएप हैकिंग से बचाव, फर्जी वेबसाइड से होने वाले फ्राड के संबध में सावधानियां, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि सोशल साइट्स से हनी ट्रैप होने के संबंध में बचाव के तरीके की जानकारी देते हुए जागरूक किया गया। जागरूकता ही साइबर अपराध से बचने का बेहतर उपाय है। अपने सगे संबंधियों व साथियों को भी जानकारी देकर जागरूक करें।
जागरूकता और जानकारी के अभाव में साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोग 
साइबर अपराधी नई-नई तकनीक अपनाते हुए ठगी को अंजाम दे रहे हैं। जिसमें लोगों को जागरूकता का अभाव उन्हें आसानी से शिकार बना लेता है। अगर डिजिटल भुगतान करने वाले उपभोक्ता ओटीपी, एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर के अलावा अन्य क्यू आर कोड, बारकोड को सुरक्षित तरीके से चलाएंगे तब इससे बचा जा सकता है। इन तमाम सावधानियों के बावजूद अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं। तो तत्काल साइबर क्राइम टोल फ्री क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 या डायल 112  पर इसकी शिकायत करें या भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से जिसका URL- https://cybercrime.gov.in है पर शिकायत करें। नजदीकी थाने में साइबर हेल्प डेस्क या साइबर क्राइम थाना पर भी शिकायत कर सकते हैं।
पता हो कि किन चीजों के लिए ओटीपी अनिवार्य है
एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि साइबर ठगों से बचने के लिए जरूरी है कि आपको पता हो कि किन चीजों के लिए ओटीपी अनिवार्य है। हमेशा याद रखे कि हमारे खाते से दूसरे खातें में रुपए भेजने के लिए हमें ओटीपी की आवश्यकता होती है। यदी कोई अन्य व्यक्ति आपके पास रूपये भेजता है तो उसके लिए ओटीपी बताने की जरूरत नहीं है। ठग अक्सर इसी का फायदा उठाकर शिकार बनाते है।