- इसकी आड़ में हो रही हैं करोड़ों की बंदरबांट
- 16 मई से शुरू करेंगे जनप्रतिनिधियों के घर के बाहर खुटा गाड़ -सांड बांध अभियान
Aaj Samaj (आज समाज),Solution to The Problem of Destitute Cattle, पानीपत: नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं चाहते बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान इसकी आड़ में हो रही है करोड़ों की बंदरबांट। यह आरोप जोगिंदर स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने यहां प्रेस को जारी विज्ञप्ति में लगाते हुए कहा कि इस विकट समस्या से निपटने के लिए जिस प्रकार से उपायुक्त पानीपत द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। उसमें नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि रोड़ा अटकाने का कार्य कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनकी कमाई का साधन बना हुआ है।
गौवंश की आड़ में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने कमाई
उन्होंने कहा कि रोने पीटने का ड्रामा करने वाले वह जनप्रतिनिधि आज खामोश क्यों हैं। जब शहर के लोग आंदोलन करते हैं तो उन्हें केवल नैन गौशाला ही क्यों दिखाई देती है और फिर इस पर कोई समाधान की बात होती है तो यह सब नदारद हो जाते हैं। उन्होंने उपायुक्त पानीपत से मांग करते हुए कहा कि 2018 से अब तक कितने गोवंश पकड़े गए, पिछले 4 साल में पशु उठाने पर कितना खर्च आया और किस गौशाला में उन्हें शिफ्ट किया गया। अगर इसकी जांच करवा ली जाए तो ठेकेदार समेत कई अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे होंगे, क्योंकि इस गौवंश की आड़ में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने कमाई का साधन बनाया हुआ है और इस कमाई को वह किसी भी सूरत में खोना नहीं चाहते।
16 मई से खुटा गाड़ – सांड बांध अभियान शुरू
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का असली चेहरा जनता के सामने लाने के लिए 16 मई से इनके कार्यालय- घरों के बाहर खुटागाड़ – सांड बांध अभियान शुरू किया जाएगा, ताकि इन जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत करवाया जा सके और उन्हें बताया जा सके कि इनके के कारण शहर में कितने हादसे हो रहे हैं और आप आंख बंद करके विश्राम मोड़ पर पड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह इतनी बड़ी समस्या नहीं है, जितना इस पर हो हल्ला किया जा रहा है। इस समस्या का चुटकियों में समाधान है, अगर सही नियत से इसका निवारण करने की बात आए। उन्होंने उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया का आभार प्रकट करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी अगुवाई में शहर में इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है, क्योंकि वह पानीपत की इस विकट समस्या के बारे में गहराई से समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं।