Slow Poison Play Staged at Piet College : ठहाके लगाता हुआ नशा बोला – जिंदगी से मुक्ति मिल जाएगी, मुझसे नहीं

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Panipat News/Slow Poison play staged at Pite College
Panipat News/Slow Poison play staged at Pite College
  • स्लो पॉइजन नाटक का हुआ मंचन, शवों को कंधे पर उठाकर चला नशा
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत (समालखा)। मैं नशा हूं। बच्‍चे के जन्‍म के साथ पार्टी के रूप में मैं घर में प्रवेश कर जाता हूं। बच्‍चा जब स्कूल जाता है तो वहां भी असामाजिक बच्‍चों के साथ मैं पहुंच जाता हूं। कॉलेज लाइफ में रेव पार्टी करता हूं। किसान का घर हो या मजदूर का, सब जगह मेरी वाहवाही होती है। मुझसे बचने के लिए अगर कोई नशा मुक्ति केंद्र में जाता भी है तो उसे आसानी से मुक्ति नहीं मिलती। हा हा हा। जिंदगी से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन मुझसे नहीं। और इस तरह नशे के रूप में पात्र लाशों को अपने कंधे पर बैठाकर श्मशान में ले जाता है। चलो महोत्सव के पांचवें दिन पाइट कॉलेज में स्लो पॉइजन नाटक का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन रास कला मंच के निदेशक रवि मोहन ने किया। पाइट कॉलेज के चेयरमैन हरिओम तायल, पाइट हुडा स्कूल के चेयरमैन सुरेश तायल, स्कूल की प्रिंसिपल वैशाली, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, डीन डॉ.बीबी शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव के पांचवें दिन का शुभारंभ किया।

नशे के खिलाफ सभी ने शपथ ली

पाइट स्कूल के साथ ही आइबी स्‍कूल के बच्‍चों ने भी नाटक देखा। अंत में नशे के खिलाफ सभी ने शपथ ली। न तो नशा करेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके खिलाफ प्रेरित करेंगे। सुरेश तायल ने कहा कि नशा सामाजिक और आर्थिक रूप से समाज को नष्‍ट कर देता है। पीढ़ियां खत्म हो जाती हैं। वो समाज और वो देश कभी तरक्‍की नहीं कर सकता, जिसकी युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में हो। नाटक में नशा पात्र की भूमिका शिवांग चौबे ने निभाई। अनुराग राठौर, पुनीत कुमार, विभोर जैन, शुभम राजपूत, बिक्रम, ऋषि कांत, प्रियंका रंजन, स्वास्तिक शर्मा, अंकित व अ‍तुल ने अलग-अलग किरदार निभाए। भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय, हरियाणा कला परिषद व गीता सरोवर पोर्टिको का सहयोग रहा।

कथानक – जिंदगी के हर मोड़ पर खड़ा है नशा

थियेटर में दिखाया गया कि जिंदगी के हर मोड़ पर नशा खड़ा है। खुशी का पल हो, गम का हो या फि‍र कोई फुरसत का समय। नशा लोगों को घेर ही लेता है। नशा कैसा होता है, पहली बार हर कोई यही सोचकर शराब-सिगरेट पीता है। इसके बाद सिगरेट और शराब उन लोगों को पीने लगती है। ये नशा मर्डर भी करवाता है और आर्थिक रूप से नुकसान करते हुए घरों को बर्बाद कर देता है। अंत में यही नशा अपने कंधे पर उस व्‍यक्ति की लाश लेकर निकलता है।

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