आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। शहर के तहसील कैंप स्थित राधा फैक्ट्री के पास गुरुवार सुबह एक घर में सिलेंडर लीकेज से भयंकर आग लग गई। आग में घर के अंदर मौजूद 6 लोग जिंदा जल गए। उस वक्त घर के अंदर पति-पत्नी और 4 बच्चे बैड पर सो रहे थे। बच्चों में 2 लड़कियां और 2 लड़के हैं। मृतकों की पहचान अब्दुल करीम (50), उसकी पत्नी अफरोजा (46), बड़ी बेटी इशरत खातुन (17-18), रेशमा (16), अब्दुल शकूर(10) और अफान (7) के रूप में हुई है। यह वेस्ट बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के रहने वाले थे। अभी परिवार बधावा राम कॉलोनी, केसी चौक, गली नंबर 4 में रह रहा था। हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। वहीं, हादसे का पता लगने पर पुलिस, दमकल समेत तमाम टीमें मौके पर पहुंच गई। इस दौरान देखा कि सभी जिंदा जल कर कोयला बन चुके थे।
हादसा सिलेंडर फटने से नहीं बल्कि लीकेज से हुआ
शुरूआती जांच के बाद एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि हादसा सिलेंडर फटने से नहीं बल्कि लीकेज से हुआ है। आगामी कार्रवाई और जांच जारी है। आग इतनी तेजी से फैली कि सभी बैड पर पड़े ही कंकाल हो गए। उन्हें अंदर से बाहर निकलने या शोर मचाने तक का मौका नहीं मिला। हादसे का पता चलते ही वहां कोहराम मच गया। जब तक पड़ोसी वहां पहुंचे, तब तक सब कुछ जलकर खाक हो चुका था। पुलिस मौके पर पहुंचकर पूरी घटना की जांच कर रही है।
हादसे की जांच शुरू
हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। वहीं, हादसे का पता लगने पर पुलिस, दमकल समेत तमाम टीमें मौके पर पहुंच गई। इस दौरान देखा कि सभी जिंदा जल कर कोयला बन चुके थे। पूरे हादसे की जांच की जा रही है कि इनमें से कोई भी जिंदा क्यों नहीं बच सका?। वहीं वह सारे पूरी तरह कैसे जिंदा जलकर राख हो गए। पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। किसी को भी घर के अंदरजाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
बड़ी बेटी का 2 दिन बाद रिश्ता पक्का करना था
शहर की परशुराम कॉलोनी में परिवार संग जिंदा जली इशरत खातून की जल्द डोली उठनी थी, लेकिन वह नींद से ही नहीं उठी। असल में इसरत परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी। पिता अब्दुल करीम और मां अफरोजा उसके निकाह की तैयारी में थे। 2 दिन बाद इस रविवार को ही उसका रिश्ता पक्का कर निकाह की तारीख तय करने के लिए लड़के वाले आ रहे थे। उससे पहले ही पूरा परिवार खत्म हो गया। अब्दुल करीम के भांजे मोहम्मद खान अख्तर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस परिवार में 2 दिन बाद खुशियां आने वाली थी लेकिन ऐसा मातम पसरा कि परिवार में कोई रोने वाला भी नहीं बचा।
वेस्ट बंगाल में रहती थी इशरत
इशरत खातून को तो मानों मौत ही वेस्ट बंगाल से यहां खींच लाई। वह मां-बाप से दूर वेस्ट बंगाल में रहती थी। उसके निकाह की बात चली तो मां-बाप एक महीने पहले ही उसे पानीपत ले आए। उन्होंने सोचा कि बेटी को यहां लाकर रिश्ता पक्का करेंगे। पानीपत में ही शादी की शॉपिंग वगैरह हो जाएगी। मगर होनी को यह मंजूर नहीं था।
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