आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दाऊजी महाराज के सानिध्य में चल रहे श्री अवध धाम मंदिर वार्षिक महोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सत्संग समारोह को छठे दिवस पर प्रसिद्ध कथावाचक राधे राधे महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि जो लीला का स्वरूप था पहले वो सार्वजनिक नहीं था। अनाधिकारी व्यक्ति उसका आस्वादन नहीं कर सकता था। आज तो सब देके लेके कहीं भी कृष्ण नाच रहें हैं, सब नाच रहें हैं और फिर जिसकी जैसी मर्जी वैसे नचा रहे हैं। ये विचित्र बात है। गोदी में बिठा लिए, इधर कर लिए, यहाँ कर लिए। राधे राधे महराज ने कहा कि मानो वो जीव है पर कृष्ण के स्वरूप में बड़ी सामर्थ्य है। उस स्वरूप में ही सामर्थ्य है। बड़ी मर्यादा के साद पहले लीला का स्वरूप होता था।
भगवान की कथा सुनने मात्र से ही नष्ट हो जाते मन के सारे विकार
नौटंकी का नाम लीला नहीं होती, मनोरंजन का नाम लीला नहीं होती। राधे राधे महराज ने कहा भागवत कथा के प्रसंग पर चर्चा करते हुए कहा कि धर्म के द्वारा पुण्य की पूंजी बढ़ाई जा सकती है। निर्मल और पवित्र मन से भक्ति करने से भगवान के चरणों में स्थान पाया जा सकता है। भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मन के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं।
इस अवसर पर स्वामी दयानन्द सरस्वती महाराज ने ही प्रवचन किया। अवध धाम सेवा समिति ने अभिनंदन किया। दाऊजी महाराज ने दोशाला भेंट कर महाराज को सम्मानित किया। इस अवसर पर रमेश कपिल महेंद्र, मदन डूडेजा, कृष्ण रेवड़ी प्रधान, संजय अग्रवाल, कांग्रेस नेता विजय जैन नगर पार्षद, रविंद्र भाटिया नगर पार्षद, सुनील ग्रोवर, प्रीतम गुर्जर, पंकज शर्मा, कोमल सैनी पार्षद, पवन जिंदल, नवल जिंदल, देवेंद्र दत्ता, राजकूमार झांब आदि मौजूद रहे।