सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं : पंडित राजकुमार शास्त्री

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Panipat News/Shivratri falling in the month of Sawan is very auspicious
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आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि बेहद शुभ मानी गई है। इस दिन विधि अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। शिव चौक स्थित शिव मंदिर के पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि भोलेनाथ को समर्पित सावन का महीना बेहद शुभ माना गया है। इस माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। सावन माह की शिवरात्रि पर विधि अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, सावन शिवरात्रि पर जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव एवं शिव परिवार की पूजा करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके साथ यह भी कहा जाता है कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

भगवान शिव के प्रसन्न होते ही सारे कष्ट दूर

पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि शिवरात्रि हर महीने आती है, लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक कर बेलपत्र, भांग चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवरात्रि पर भक्त व्रत रखकर भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं। भगवान शिव के प्रसन्न होते ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन की शिवरात्रि पर्व पर कई भक्त भगवान की पूजा करने के बाद ही अन्न जल ग्रहण करते हैं।

पूजा अभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त

शिव चौक स्थित शिव मंदिर के पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा अभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त 26 जुलाई की शाम 07:24 बजे से रात 09:28 तक रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करना भक्तों के लिए लाभदायक रहेगा। पूजा के दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करें।
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई 2022 शाम 6:45
चतुर्दशी तिथि समापन: 27 जुलाई 2022 रात 9:10

सावन शिवरात्रि पर बन रहा है बेहद शुभ संयोग

पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि सावन मास की शिवरात्रि पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है। चतुर्दशी तिथि पर सावन मास की शिवरात्रि पड़ने के साथ इस दिन मंगलवार भी है। सावन महीने के हर मंगलवार तिथि को माता मंगला गौरी की पूजा की जाती है। ऐसे में चतुर्दशी तिथि पर सावन शिवरात्रि और मंगला गौरी व्रत पड़ने की वजह से यह तिथि बेहद विशेष मानी जा रही है।