आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। 1 पर्व 2 दिन मनाने पर महाराज बोले- विदेशी कैलेंडर पर तैयार हो रहा पंचांग, कई लोग धर्म के एजेंट बन गए, वाे ऐसा ना करें। हिंदुस्तान अखंड, राष्ट्र उत्कर्ष अभियान काे लेकर भारत भ्रमण पर निकले शंकराचार्य परंपरा के 145वें पूज्यापाद पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज ने गुरुवार काे धर्मसभा से पहले गाेष्ठी की। वहीं, इस माैके पर उन्हाेंने पत्रकाराें के सवालाें के जवाब भी दिए।
पहले शास्त्र का ज्ञान लें, फिर आगे किसी विषय पर बाेलें
महाराज से पत्रकार ने सवाल किया कि पानीपत में कई साल से त्याेहाराें काे लेकर महायुद्ध चल रहा, एक त्याेहार दाे-दाे दिन मनाया जा रहा है, लाेग इस कारण असमंजस की स्थिति में रहते है, इस पर क्या कहेंगे..? जवाब देते हुए महाराज ने कहा कि ज्याेतिष एक गणित है, लेकिन आज के समय में कई पंडित वर्ग विदेशाें के कैलेंडर के आधार पर ही पंचांग बना रहे हैं, इस कारण पर्व एक दिन की बजाए दाे-दाे दिन हाे रहे हैं। कुछ लाेग धर्म के एजेंट बन गए है, उनसे अनुराेध है पहले शास्त्र का ज्ञान लें, फिर आगे किसी विषय पर बाेलें।
25 पीढ़ियाें के लिए धन एकत्रित करने की बजाए 25 लोगों काे राेजगार दें
पानीपत सेक्टर-29 स्थित शाम बाग में गुरुवार काे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भक्ताें काे करीब एक घंटा संबाेधित किया। उन्हाेंने कहा कि 25 पीढ़ियाें के लिए धन एकत्रित न करें, बल्कि 25 व्यक्तियाें काे राेजगार दें, उन्हें स्वावलंबी बनाएं। यही जीवन की सबसे बड़ी कामयाबी हाेगी। क्याेंकि इस धरा पर बहुत से ऐसे लाेग हैं, जाे मेहनत ताे करते हैं लेकिन फिर भी घरवालाें काे भर पेट भाेजन देने में असमर्थ हैं। क्याेंकि शासन दल और बड़े-बड़े उद्याेगपतियाें का भी ये दायित्व है कि वाे ऐसे लाेगाें काे राेजगार दें, ताकि काेई भूखा न रहे और बेराेजगार न रहे।
कंप्यूटर और माेबाइल के युग में भी वेद और शास्त्राें की महत्ता है
साथ ही महाराज ने कहा कि आज कंप्यूटर और माेबाइल के युग में भी वेद और शास्त्राें की महत्ता है, क्याेंकि वेद और शास्त्राें काे पढ़ने से भाेग और माेक्ष मिलता है। इस माैके पर सुरेश तायल, दाऊजी महाराज, पं. राधे-राधे, पं. निरंजन पाराशर, सतीश गाेयल, राजेंद्र गुप्ता, विकास गाेयल, हरीश बंसल, राकेश बंसल, राधेश्याम गुप्ता, विनाेद खंडेलवाल, वेद पाराशर आदि माैजूद रहे।
मठ मंदिराें के लिए निकालें समय
भगवान का संकीर्तन करें, हर हिंदू परिवार राेजाना एक रुपया और एक घंटा निकाले। अपने विवेक बल से उसे मठ-मंदिराें की पूजा और सुरक्षा के लिए लगाएं। महाराज ने कहा कि स्वच्छता के अभियान ताे बहुत चल रहे हैं, शुद्धता का अभियान भी चलाएं। उन्होंने अंतिम सार में ये कहा कि विकास के नाम पर प्रकृति काे बर्बाद न करें, 24 घंटे में 75 मिनट कम से कम भजन करें। अपने और औरों जीवन काे स्वावलंबी बनाएं। जीव काे न मारें।