पानीपत। सावन कृपाल रूहानी मिशन बरसत रोड नूर वाला में रविवार को दिल्ली कृपाल आश्रम से आए प्रीचर ममता भोला ने संत राजेंद्र सिंह महाराज की तालीम से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यदि हमारे हाथ पैर और शरीर धूल मिट्टी से भर जाए तो हमें उन्हें पानी से धो सकते हैं। यदि कपड़े गंदगी से मैले हो जाए तो उन्हें साबुन से साफ किया जा सकता है। यदि पाप कर्मों से हमारी बुद्धि मलिन हो जाए तो वह केवल नाम व शब्द से जुड़कर ही पवित्र हो सकती है। सिर्फ कहने से कोई पुण्य आत्मा या पापी नहीं बन जाता। व्यक्ति के कर्म उसे वैसा बनाते हैं। जो जैसा बोता है वैसा काटता है।
बुरे विचार और कड़वे बोल भी हिंसा है
मनुष्य प्रभु के हुक्म से ही जन्म और मृत्यु के चक्र द्वारा संसार में आता और जाता है। खुदा ने इंसान को प्यार के लिए दूसरों का दर्द महसूस करने के लिए ही बनाया है। अन्यथा उसकी स्तुति के लिए तो देवता ही काफी थे। किसी की हत्या ना करना या चोट न पहुंचाना ही अहिंसा नहीं है, बल्कि इसमें बुरे विचार और कड़वे बोल भी शामिल है। प्रेम संसार की ज्यादातर बुराइयों का इलाज है। प्रेम सब गुणों का सार है। जहां प्यार है वहां शांति है। प्रधान सरदार राजा सिंह ने संत कृपाल सिंह जन्म दिन की खुशी में सारी संगत का धन्यवाद किया और कहा कि हमें संतो के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। जन्मदिन की खुशी में गुरु का अटूट लंगर सभी सेवादारों ने बांटा।