(Panipat News) पानीपत। शुक्रवार को देहरा गांव में महिलाओं की शिक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए आजीवन कार्य करने वाली महान समाज सेविका सावित्रीबाई फुले को उनकी 194 वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धा से याद किया और सावित्री बाई फुलेकी फोटो पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान सैनी सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए गांव के पूर्व सरपंच मामन छाछिया ने सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उसे प्रतिकूल दौर में जब ज्योतिबा फुले अपनी पत्नी के साथ रहने और स्कूल खोलने के लिए ठिकाने की तलाश कर रहे थे तो सावित्री बाई फुले की फातमा शेख के भाई उस्मान शेख ने मदद की थी और शेख ने अपने घर का एक हिस्सा उन्हें रहने और एक हिस्सा स्कूल खोलने के लिए दे दिया।
यहीं से उनकी दोस्ती और साझेदारी की शुरुआत हुई। सावित्री बाई फुले और फातमा शेख ने मिलकर यहां दलित-पिछड़े जाति के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर आधुनिक भारत में स्त्री शिक्षा की बुनियाद रखने का काम किया। पूर्व सरपंच ने बताया कि फूले दंपति ने 1848 से 1852 तक पूरे महाराष्ट्र में लड़कियों के लिए कुल 18 स्कूल खोले। इस उपलब्धि को स्वीकार करते हुए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया और बाद में फुले दंपति ने कामकाजी समुदाय की महिलाओं और बच्चों के लिए एक नाइट स्कूल खोला। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में गरीब छात्रों के लिए 52 मुफ्त छात्रावास स्थापित किए. अवसर पर कर्ण सिंह सैनी, अनिल कपूर, माया देवी, नीलम सेवी, धर्म सिंह, नंदकिशोर, संजय, सतीश, दीलक, प्रमिन्द्र, राजपाल, बलजीत. आदि मुख्यरूप से उपस्थित थे।
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