डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित हुए पानीपत के जलालपुर प्रथम गांव निवासी सत्यवान शर्मा

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Panipat News/Satyawan Sharma was awarded an honorary doctorate
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आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान देने और छोटे बच्चों को संस्कृत भाषा में दक्ष करने के लिए सरल सस्कृत भाषा में व्याकरण तैयार किए जाने पर विश्व मानवाधिकार सुरक्षा आयोग द्वारा जलालपुर प्रथम गांव निवासी व सत्यम पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सत्यवान शर्मा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। सत्यवान शर्मा को डॉक्टरेट की यह उपाधि उनके द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के दौरान संस्कृत साहित्य, भाषा विज्ञान और व्याकरण के क्षेत्र में बच्चों के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए दी गई है।

 

 

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बच्चों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दे रहे है

सत्यावन शर्मा ने बताया कि उन्होने कुरूक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर स्थित श्री जयराम विधापीठ से संस्कृत भाषा में शास्त्री की डिग्री प्राप्त की है और एमए संस्कृत पंजाब विश्वविधालय चण्डीगढ़ से करने के उपरांत सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविधालय वारणासी से व्याकरण आचार्य की डिग्री प्राप्त की है और वो स्कूल में दूसरी कक्षा से बच्चों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दे रहे है, ताकि बच्चों को भारत की प्राचीन भाषा के बारें में पूरी जानकारी होने के साथ-साथ वों प्राचीन भाषा में दक्ष हो सकें।

सरल सस्कृत भाषा में व्याकरण के नोट्स तैयार किए

उन्होंने बताया कि बच्चों का संस्कृत भाषा के प्रति मोह बना रहे इसको लेकर उन्होंने स्वयं ही संस्कृत भाषा को सरल तरीके से समझाने के लिए सरल सस्कृत भाषा में व्याकरण के नोट्स तैयार किए है, ताकि बच्चों को संस्कृत व्याकरण और सरल संस्कृत का ज्ञान दूसरी कक्षा से होने पर उन्हे संस्कृत भाषा से अन्य विषयों की तरह लगाव हो सकें और फिर से हिन्दुस्तान के अंदर सभी भाषाओं की जननी संस्कृत का ज्ञान हमारी आने वाली पीढी को पूर्णतय हो सकें। आज दुसरे देश संस्कृत भाषा को अपना रहे है, लेकिन हम अपनी प्राचीन भाषा से वंचित है।

 

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अनेक समाजिक संस्थाओ के साथ मिलकर जरूतरमंदों की मदद की

अगर हमें फिर से विश्व गुरू बनना है तो संस्कृत भाषा अपने बच्चों को सिखानी होगी, ताकि वों फिर से वेदों को पढकर हिन्दुस्तान को विश्व गुरू बनाने में अपनी भूमिका निभा सकें। सत्यवान शर्मा द्वारा समय-समय पर सामाजिक कार्य किए जाते रहें है और कोरोना काल में भी उन्होंने अनेक समाजिक संस्थाओ के साथ मिलकर जरूतरमंदों की मदद की। उक्त समस्त कार्यो के आधार पर ही उन्हें विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग(अंतराष्ट्रीय संगठन)द्वारा आजीवन सदस्यता देते हुए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा है। इस दौरान अनेक समाजिक संस्थाओं ने सत्यवान शर्मा को शुभकामनाएं दी।