आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। 2 मार्च को वृंदावन ट्रस्ट पानीपत के साथ लाखों भक्त हाथों में ध्वजा लहराते हुए पैदल यात्रा में नाचते गाते हुए चुलकाना धाम में पहुंचेंगे। बुधवार को वृंदावन ट्रस्ट के भक्तों ने बाबा के चरणों में निमंत्रण कार्ड भेंट किया। प्रधान राकेश बंसल, श्याम मंदिर प्रधान रोशन लाल ने बताया कि रास्ते में होने वाली कठिनाइयों को बाबा श्यामजी अपनी दिव्य शक्ति से दूर कर देंगे। फाल्गुणके मेले में चुलकाना में धूम मचेगी भारी, रंग और गुलाल से होली खेलेंगे श्याम बिहारी।
उन्होंने बताया कि चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा का मेला बड़ी धूम धाम से लगेगा। संरक्षक विकास गोयल ने बताया हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश राजस्थान दिल्ली मध्य प्रदेश उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश कोलकाता मुंबई पुणे सहित अनेक राज्यों और शहरों से व हजारों गावों से श्री श्याम बाबा के भक्त धोक पूजा अर्चना करने के लिए चुलकाना धाम में पहुंचेंगे।
चुलकाना धाम का प्रचार प्रसार भी आज अपनी चर्म सीमा पर पहुंच गया है
बाबा के सेवक पुनीत गर्ग, सोनू शर्मा ने बताया कि सदियों से चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा का मेला लगता है। जो 2- 3 दिन लगता था फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी और द्वादशी को अबकी बार दशमी से ही मेला शुरू हो जाएगा लाखो की भीड़ शुरू हो जाएगी जो दिन रात लागातार श्री श्याम प्रभु के दर्शन करेगी। कलयुग में श्री श्याम बाबा की मान्यता बहुत अधिक तेजी से बढ़ रही हैं भगवान श्री कृष्ण के वरदान फलस्वरूप पूरे भारतवर्ष में विख्यात श्री श्याम बाबा के आज करोड़ों में भक्त हैं, इसलिए चुलकाना धाम का प्रचार प्रसार भी आज अपनी चर्म सीमा पर पहुंच गया है। हर महीने लाखों ऐसे भक्त दर्शन करने के लिए चुलकाना धाम में आ रहे हैं। करोड़ो भक्तों के मन में जिज्ञासा है चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा के दर्शन करने की। भक्तों की जो भीड़ पहले मेले पर होती थी। अबकी बार उससे ज्यादा भीड़ नववर्ष पर चुलकाना धाम में पहुंची। इससे अनुमान लगाया जाता हैं कि अबकी बार फाल्गुण मेले में भक्तों की भीड़ 20 लाख से भी ज्यादा आने की संभावना है।
चुनकट ऋषि की तपोभूमि के नाम से विख्यात है ये धाम
जब भक्तों की भीड़ ज्यादा होगी तो मेला भी लगातार कई दिन चलेगा कुछ भक्त सोचते हैं कि हमें श्याम बाबा के दर्शन नहीं हुए। भीड़ में तो उन भक्तों को पता होना चाहिए कि भले ही आपको दर्शन नहीं हुए हो लेकिन श्याम प्रभु भीड़ में भी आपको देख लेता है। उसके दरबार में आने वाला कोई भक्त आज तक खाली हाथ नहीं गया। इसलिए यहां भक्तों की भीड़ बहुत अधिक बड़ रही है। ये स्थान श्री श्याम बाबा के शीश दान स्थल होने के कारण भी प्रसिद्ध है। चुनकट ऋषि की तपोभूमि के नाम से विख्यात ये धाम चुनकट ऋषि के नाम से ही बसा हुआ है। जो सतयुग का ऐतिहासिक तीर्थ स्थान है। श्री श्याम प्रभु का फाल्गुन मेला महाभारत काल से यहां लगता आ रहा है। वीर बर्बरीक ने अपने शीश का दान फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को दिया था। खुद भगवान श्री कृष्ण ने वीर बर्बरीक को महादानी के नाम से संबोधित किया था। कहा था हे शीश के दानी तेरे से बडकर ना कोई दानी हुआ है और ना होगा तुम्हारा ये बलिदान युगों युगों तक याद रखा जाएगा मेरे नाम से तुम्हारे शीश की पूजा होगी।
जिन लोगों के बच्चे नहीं होते थे उनके भी यहां आने से पुत्र की प्राप्ति हुई
चुनकट ऋषि की तपोभूमि पर यमुना नदी के किनारे पर ही वीर बर्बरीक के बचे हुए शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इस धाम की यात्रा करने से मनुष्य की किस्मत बदल जाती हैं। यहां तक की जिन लोगों के बच्चे नहीं होते थे उनके भी यहां आने से पुत्र की प्राप्ति हुई है। यहां नवविवाहित जोड़े गठजोड़े की जात देते हैं शिशुओं के बाल यहां चढ़ाए जाते है। गुड आटा गेहूं दूध खीर नारियल लंगोट ध्वजा और प्रसाद चढ़ाया जाता है। हरिश बंसल ने बताया कि चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा के मेले पर सैकड़ो भंडारे दिन रात चलते रहते हैं जहां भक्त बाबा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। अबकी बार 2 मार्च से 4 मार्च तक श्री श्याम रसोई समालखा द्वारा 56 भोग का भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें लाखो श्याम भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे। जीवन में एक बार इस धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए।