- विशाल प्रदर्शनी ने किया आकर्षित
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। देश के हर राज्य की अपनी संस्कृति है। विशाल इतिहास है। इन्हें एक जगह देखना अपने आप में गौरवमयी पल होते हैं। ऐसा अवसर बनाया सेक्टर 11-12 स्थित एसडी विद्या मंदिर स्कूल ने। दरअसल, मौका था गणतंत्र दिवस का। यहां पूर्वी क्षेत्र में बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा और उत्तर पूर्व के सात राज्यों जिन्हे सात बहनों की जमीन भी कहा जाता है, की संस्कृति को दिखाया गया।
बच्चों ने सनातन परंपरा की महानता को प्रदर्शित किया
एक तरफ कंचनजंगा के बर्फीले पहाड़ का मॉडल था, दूसरी तरफ कोलकाता का मशहूर हावड़ा ब्रिज आकर्षण का केंद्र बना। ओडिशा के पैवेलियन में सूर्य मंदिर की धूम थी तो बिहार और झारखंड में मधुबनी पेंटिंग का जलवा था। उत्तर भारत में हरियाणा के पानीपत की हैंडलूम, हरियाणा का खाना और ब्रह्मसरोवर और पंजाब में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के सामने तो लोगों ने माथा तक टेका। उत्तरप्रदेश की प्रदर्शनी में राम मंदिर का मॉडल और उत्तराखंड के केदारनाथ के मॉडल के जरिए बच्चों ने सनातन परंपरा की महानता को प्रदर्शित किया।
स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सदैव याद रखना चाहिए
प्रदर्शनी के शुभारंभ से पूर्व श्री एसडी एजुकेशन सोसाइटी के संरक्षक रोशनलाल मित्तल, प्रधान अनूप गर्ग, सचिव दिनेश गोयल, सुरेंद्र मित्तल, उमेश अग्रवाल, पवन गोयल, विनोद कुमार गुप्ता, रघुनंदन स्वरुप गुप्ता, विद्यालय के चेयरमैन सतीश चंद्रा एवं सचिव नरेश कुमार गोयल ने सोसायटी के सभी गणमान्य सदस्यों सहित स्कूल प्रांगण में ध्वजारोहण किया। तिरंगे गुब्बारों का गुच्छ आसमान में उड़ाया। विद्यालय के चेयरमैन सतीश चंद्रा ने कहा कि स्वतंत्रता हम सभी को प्रिय है। हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सदैव याद रखना चाहिए, जिनके अनंत संघर्षों की बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। सोसाइटी के संरक्षक रोशनलाल मित्तल ने कहा कि विद्यालय के कई छात्र और छात्राएं विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर आसीन होकर अपने हुनर का लोहा मनवा रहे हैं। प्रधानाचार्या डॉ. अनु गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भारत की झलक
150 बच्चों ने मार्च पास्ट द्वारा भारतीय सेना के अनुशासन और जोश को पूरे उत्साह से दिखाया। 50 बच्चों ने योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्यालय के नन्हे -मुन्हे बच्चों ने नमस्ते इंडिया गीत पर धमाकेदार प्रस्तुति दी। हिप-हॉप और फ्यूजन डांस के जरिये पूर्व और पश्चिम का अनूठा संगम पेश किया। भारतीय संविधान में संकलित मौलिक अधिकारों को एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से परिभाषित किया गया।