Panipat News : धर्म मात्र क्रियाएं कर्मकांड नहीं है। क्रियायो के साथ भावों का होना अत्यंत आवश्यक : गणिनी आर्यिका 105 आर्षमति माताजी

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Religion is not just rituals. It is very important to have feelings along with the rituals Ganini Aryika 105 Arshamati Mataji

(Panipat News) पानीपत। जैन महोल्ला में श्री 1008 महावीर स्वामी दिगंबर जिनालय (छोटा मंदिर) नवीनीकरण महोत्सव में द्वितीय दिवस परम पूजनीय गणिनी आर्यिका 105 आर्षमति माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में अभिषेक एवं विश्व शांति की कामना हेतू शांति धारा सम्पन्न हुई।

तत्पश्चात भगवान महावीर स्वामी की स्तुति श्री वर्धमान स्तोत्र के माध्यम भक्ति भाव से की गई। साथ ही शांति मंत्र जाप्य अनुष्ठान का भव्य आयोजन हुआ। श्री वर्धमान स्तोत्र आधुनिक समय की एक अद्भुत, अभूतपूर्व एवं विलक्षण कृति है। यह वर्धमान स्तोत्र पाठ भी है, विधान भी है, ज्ञान भी है, पुराण भी है, भगवान की स्तुति भी है, गुणगान भी है, स्वाध्याय भी है। ऐसी अनोखी विशेषताएं इस स्तोत्र में समाहित हैं। इस अवसर पर परम पूज्य माताजी ने आज अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र रहेगा तो धर्म रहेगा और धर्म रहेगा तो राष्ट्र रहेगा। पूज्य गुरु मां ने कहा कि धर्म मात्र क्रियाएं कर्मकांड नहीं है। क्रियायो के साथ भावों का होना अत्यंत आवश्यक है।

भाव के साथ की गई क्रिया ही फलदाई होती हैं। आज विशेष रुप से दमोह से पधारे प्रतिष्ठाचार्य डॉक्टर अभिषेक जैन का श्री दिगंबर जैन पंचायत के कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया डा. अभिषेक जैन के सानिध्य व निर्देशन में ही यह महोत्सव सम्पन्न होने जा रहा है आज 21000 हजार मंत्रों के जाप का भी संकल्प लिया गया। इस अवसर पर प्रधान सुनील जैन, मनोज जैन, कुलदीप जैन, पुनीत जैन, सुरेश जैन, सुशील जैन, दिनेश जैन, रुलिया राम जैन, भूपेंद्र जैन, वीरज जैन, जगदीश जैन, भूपेश जैन, मेहुल जैन एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।