Aaj Samaj (आज समाज),Regarding Increase in Municipal Limits, पानीपत : पालिका सीमा वृद्धि बारे 4 वर्ष पुरानी मुख्यमंत्री घोषणा की घोर उपेक्षा करने पर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पालिका सचिव मुकेश कुमार, पालिका अभियंता राज कुमार व जेई गौरव को नगर निकाय विभाग मुख्यालय में आज रिकॉर्ड सहित तलब किया। इससे अब पालिका सीमा वृद्धि की समस्या हल होने के साथ साथ लापरवाही के दोषी पालिका अधिकारियों पर गाज गिरने की भी संभावना है। गौर तलब है कि इसी मुद्दे को लेकर पिछले डेढ़ वर्षों से धरने प्रदर्शन कर रहे समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने गत 12 मई को भी पालिका कार्यालय पर प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन भी भिजवाया था। पालिका अधिकारियों को निदेशालय द्वारा रिकॉर्ड सहित तलब करने पर पालिका कार्यालय में हड़कंप मच गया।
- पालिका अधिकारियों को रिकॉर्ड सहित किया चंडीगढ़ तलब
- कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
- संघर्ष मोर्चा ने जिला पालिका आयुक्त को मांग पत्र भिजवा कर पालिका सीमा वृद्धि कराने व सभी अवैध कॉलोनियों को पास करने की मांग की
चार वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने नगर पालिका समालखा की सीमा वृद्धि की घोषणा की थी
नगर पालिका सीमा वृद्धि व सभी अवैध कालोनियों को स्वीकृत करने की मांग को लेकर पिछले करीब डेढ़ वर्ष से निरंतर संघर्ष कर रहे समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा संयोजक कॉमरेड पी पी कपूर ने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो सरकार जागी है। कपूर ने बताया कि करीब चार वर्ष पूर्व 2 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री खट्टर ने गांव जौरासी की जन सभा में नगर पालिका समालखा की सीमा वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन सरकार व अधिकारियों ने इस घोषणा को गंभीरता से नहीं लिया। पिछले 27 वर्षों से नगर पालिका सीमा वृद्धि न होने से जनता में हा हा कार मची हुई है । संघर्ष मोर्चा ने सभी करीब 20 अवैध कालोनियों व पालिका सीमा वृद्धि का नक्शा बिना कोई फीस लिए नगर पालिका को करीब एक वर्ष पहले सौंप दिया था। समालखा की कॉलोनियों के साथ लगते गांव जौरासी खालसा, गांव पावटी, गांव पट्टीकल्याणा व गांव किवाना की कुछ भूमि को नगर पालिका में शामिल करने बारे ग्राम सभाओं से प्रस्ताव पारित करवा कर भी पालिका अधिकारियों को दे दिए थे, लेकिन किसी ने कोई गौर नहीं की, टालमटोल करते रहे।
बहकावे में आकर कई कालोनियों में तो लड्डू भी बांट दिए गए
कपूर ने आरोप लगाया कि मीडिया में भ्रामक खबरें प्रकाशित करवाकर नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी जनता को गुमराह करते रहे कि ड्रोन सर्वे करवा दिया है और जल्द अवैध कालोनियां स्वीकृत होंगी। भोली भाली जनता नगर योजनाकार विभाग के इन भ्रामक बयान को सुन सुन कर गदगद होती रही, कॉलोनियां पास होने के बहकावे में आकर कई कालोनियों में तो लड्डू भी बांट दिए गए। जबकि जमीनी हकीकत ये है कि डीटीपी द्वारा अवैध कालोनियों के बनवाए गए इन नक्शों का 99 प्रतिशत हिस्सा नगर पालिका की सीमा से बाहर स्थित है । इतना ही नहीं, इन अवैध कॉलोनियों का काफी बड़ा हिस्सा साथ लगते गांवों पावटी, पट्टी कल्याणा, किवाना व जौरसी खालसा के रकबे में भी पड़ता है।
पालिका अधिकारी चार वर्षों से केस फाइल दबाए बैठे रहे
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि संघर्ष मोर्चा ने एक वर्ष पहले पालिका सीमा वृद्धि व शहर की सभी 20 अवैध कालोनियों का नक्शा बिना कोई फीस लिए तैयार करके नगर पालिका को सौंप दिया था। मोर्चा सदस्यों ने भाग दौड़ करके गांव जौरासी खास, पावटी, पट्टी कल्याणा, किवाना की ग्राम सभाओं से प्रस्ताव पारित करवा कर नगर पालिका को सौंप दिए थे, लेकिन पालिका अधिकारी चार साल पुरानी सीएम घोषणा की इस फाइल पर कुंडली मारे बैठे हैं। सीमा वृद्धि का केस जब सरकार को भेजा ही नहीं तो ये पालिका सीमा से बाहर के रकबे में स्थित इन सभी 20 अवैध कालोनियों को स्वीकृत करना नामुमकिन है। अब चार वर्ष बाद पालिका सीमा वृद्धि के मुद्दे पर सरकार के सक्रिय होने से अवैध कालोनियों के स्वीकृत होने की उम्मीद जागी है। वहीं दूसरी ओर इस बारे नगर पालिका चेयरमैन ने बताया कि तीनो अधिकारीओ को चण्डीगढ़ बुलाया है।