आईबी पीजी कॉलेज में कंप्यूटर डिपार्टमेंट के द्वारा रंगोली डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन

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Panipat News/Rangoli Design Competition organized by Computer Department in IB PG College
Panipat News/Rangoli Design Competition organized by Computer Department in IB PG College
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। आईबी पीजी कॉलेज में सोमवार को कंप्यूटर डिपार्टमेंट के द्वारा रंगोली डिजाइन प्रतियोगिता, कोऑर्डिनेटर डॉ रंजू और को-कन्वीनर प्रो. नीतू और प्रो. मोहित के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। जिसका थीम था कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी। इसमें बीसीए डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने टेक्नोलॉजी के विभिन्न इन्वेंशन पर रंगोली डिजाईन प्रस्तुत किए।

रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला

प्राचार्य डॉ अजय कुमार गर्ग ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है। अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। टेक्नोलॉजी ने हमारा जीवन इतना आसान बना दिया है और हमें इतनी सुख-सुविधाएं प्रदान की है, जिसके बारे में हम इससे पहले कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे।

 

Panipat News/Rangoli Design Competition organized by Computer Department in IB PG College
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विद्यार्थियों ने अद्भुत कला का प्रदर्शन किया

कंप्यूटर विभाग की सहायक प्रो. डॉ  रंजू ने कहा कि आधुनिक तकनीक और पारंपरिक रंगोली के अनूठे संगम से विद्यार्थियों ने अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। भूमि-शुद्धिकरण की भावना एवं समृद्धि का आह्वान भी इसके पीछे निहित है। रंगोली जीवन दर्शन की प्रतीक है, जिसमें नश्वरता को जानते हुए भी पूरे जोश के साथ वर्तमान को सुमंगल के साथ जीने की कामना और श्रद्धा निरंतर रहती है।

रंगोली धार्मिक, सांस्कृतिक आस्थाओं की प्रतीक

यह जानते हुए भी कि यह कल धुल जाएगी, जिस प्रयोजन से की जाती है, वह हो जाने की कामना ही सबसे बड़ी है। विभागाध्यक्ष डॉ विक्रम कुमार ने कहा कि रंगोली धार्मिक, सांस्कृतिक आस्थाओं की प्रतीक रही है। इसको आध्यात्मिक प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण अंग माना गया है। तभी तो विभिन्न हवनों एवं यज्ञों में ‘वेदी’ का निर्माण करते समय भी माँडने बनाए जाते हैं। ग्रामीण अंचलों में घर-आँगन बुहारकर लीपने के बाद रंगोली बनाने का रिवाज आज भी विद्यमान है।
आर्थिक विकास की दर को सिर्फ टेक्नोलॉजी के द्धारा ही बढ़ाया जा सकता है
प्रो. नीतू ने कहा की आज टेक्नोलॉजी का हर किसी के जीवन में खास महत्व है क्योंकि यह न सिर्फ व्यक्ति के विकास में मद्द करती है, बल्कि देश-दुनिया के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती है। प्रो. मोहित ने कहा कि आर्थिक विकास की दर को सिर्फ और सिर्फ टेक्नोलॉजी के द्धारा ही बढ़ाया जा सकता है। टेक्नोलॉजी की मद्द से ही नए-नए उपकरण बनाना और नई खोजें करना संभव हो सका है। निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ सीमा ने निभाई! इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रोहित कुमार , अमित बीसीए सेकंड ईयर, द्वितीय स्थान अंजू बीसीए सेकंड ईयर , तृतीय स्थान कशिश और नेहा,  रिया और लक्ष्मी बीसीए फर्स्ट ईयर और कंसोलेशन स्थान अंजू और काजल ने प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पीके नरूला, डॉ  ईशाक मोहम्मद आदि मौजूद रहे।

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