आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। नारायण रेकी सत्संग परिवार एक सामाजिक संस्था है। जो हर बुधवार कृष्णावतिका मंदिर गोरेगांव में अपना नारायण रेकी सत्संग का आयोजन करते है। हर सोमवार और मंगलवार को नारायण रेकी क्लास और हर गुरूवार और शुक्रवार करुणा रेकी की क्लास का आयोजन किया जाता है। मासिक दौर पर यशोधम स्कूल में पारिवारिक सत्संग का आयोजन किया, ताकि परिवार का हर सदस्य इसका लाभ उठा सके। उक्त विचार राजेश्वरी मोदी ने पानीपत में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहे।
धनराशि का उपयोग ज़रूरतमंद बच्चों के लिए किया जाता है
नारायण रेकी सत्संग परिवार रेकी क्लास से आने वाली पूरी धनराशि का उपयोग ज़रूरतमंद बच्चों की पढाई, लड़कियों के विवाह और बच्चो के चिकित्सा के लिए करते है। इसके साथ, अनाथाश्रम, वृद्वाश्रम, रेस्क्यू फाउंडेशन में नारायण रेकी परिवार के सेवा के कार्य नियमित रूप से होते रहते है। मुंबई के अलावा अहमदाबाद, बरोदा, सूरत, नॉएडा, नासिक, जयपुर,भीलवाड़ा, इंदौर, कोलकोता, बेंगलुरू, आसाम, में नारायण रेकी सत्संग परिव्वर के रेकी हीलिंग के केंद्र है। अंतर-राष्ट्रीय स्टार पर भी बैंगकॉक और अमरीका के न्यू जर्सी व शिकागो शहरों में रेकी सेमीनार का आयों किया गया है। इतना ही नहीं, मुंबई के कई उपनगरों में रेकी क्लास व हीलिंग प्रेयर्स होती है जिसका लाभ बहुत लोग उठाते है।
बचपन से ही समाज सेवा के प्रति रुझान था
नारायण रेकी सत्संग परिवार की संस्थापिका के परिचय के बिना संस्थान जा परिचय अधूरा है।राजेश्वरी मोदी जिन्हें लोग प्यार से राजदीदी कहते हैं। नारायण रेकी सत्संग परिवार की संस्थापिका है। कॉमर्स ग्रेजुएट राजदीदी उसुई व करुणा रेकी की ग्रैंडमास्टर है। इसके आलावा वे एक उच्चकोटी की काउंसलर व एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट भी है। दीदी का आभा मंडल सकरात्मक सोच व आपसी संबंधों की दृढ़ता से भरपूर देवीयता का साक्षात स्वरुप हैं। बचपन से ही समाज सेवा के प्रति उनका रुझान था, जिसे उन्होंने दाम्पत्या जीवन व दो बच्चों की मां बनने के साथ बखूबी निभाया। क्योंकि घर परिवार उनकी सर्वप्रथम प्राथमिकता थी, इसलिए घर पर दोपहर में रेकी और एक्यूप्रेशर की क्लास शुरू की। धीरे धीरे उनकी सोच लोगों की समझ में आने लगी और तेज़ी से इसका प्रचार- प्रसार हुआ, तो दीदी ने राजस्थानी मंडल गोकुलधाम के कार्यालय में अपनी सेवा देना शुरू कर दिया।
सकारातमक तरीके से संबंधों को दृढ़ बनाकर समाज को सुधरा जा सकता है
गहन साधना व सोच के बाद उन्होंने यह पाया कि सकारातमक तरीके से संबंधों को दृढ़ बनाकर समाज को सुधरा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने नारायण जीवन चक्र का प्रतिपादन किया और बड़े ही साधारण शब्दों में लोगों को मानव जीवन का उद्देश्य बताया और समझाया कि रेकी के माध्यम से हम सकारात्मक होकर जीवन विकास कैसे कर सकते है। क्योंकि उनका मानना है की सेवा का यह भाव सकारात्मकता व संबंधो की दृढ़ता उन्होंने अपने परिवार से ही सीखी है।
सफल व्यवसायी व समाजसेवक हैं पति
दीदी के जीवनसाथी रमेशजी मोदी एक सफल व्यवसायी व समाजसेवक है। उनके बड़े सुपुत्र ईएनटी स्पेशलिस्ट है, बड़ी बहू स्किन स्पेशलिस्ट हैं, छोटा बेटा रेटीना स्पेशलिस्ट व छोटी बहू कॉर्निया स्पेशलिस्ट है। पूरा परिवार समाज सेवा का उदाहरण है। समय समय पर उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए विभिन पुरस्कार व उपाध्यों से सम्मानित किया गया है, जैसे मेयर अवार्ड, नारी रत्न, समाज रत्न। दीदी का जीवन सेवा का अनोखा उदाहरण है।