Aaj Samaj (आज समाज),Pushpadant Sagar Maharaj,पानीपत: स्थानीय श्री दिगंबर जैन मंदिर जैन मोहल्ला के प्रांगण में पुष्पगिरी प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए बताया कि आज महिलाओं का स्थान बराबरी का है। वह अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं, परंतु आज भी हमारी दृष्टि सम्यक नहीं है हमारी सोच सम्यक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम धरती को धरती मां कहते हैं पूरे विश्व में एक ही देश ऐसा है, जहां अपने देश को भारत माता कहते हैं इससे बड़ा समर्पण और क्या होगा। एक घटना का जिक्र करते हुए आचार्य ने कहा कि एक बालिका ने अपनी मां से कहा कब तक मुझे बंधन में रखोगी, क्योंकि जो चेतना पुरुषों में है वही चेतना मुझ में है जो संवेदनाएं पुरुषों में है वही संवेदनाएं मुझ में है पर हमें दबाया क्यों जाता है।
महिलाएं व्यापार में, राजनीति में या किसी भी प्रोफेशन में पुरुषों से आगे
आज देखा जाए तो महिलाएं व्यापार में, राजनीति में या किसी भी प्रोफेशन में पुरुषों से आगे आपको मिलेंगी और शायद इसी को विकास कहते हैं। आप चाहते हैं कि देश और जिंदगी में विकास हो तो हमें सब को एक समान होकर कार्य करना होगा। उन्होंने आगे अपने आशीष वचनों में कहा कि सीधे इंसान को आज वो स्थान नहीं मिलता, जिसका वो हकदार हैं क्योंकि सीधा इंसान हमेशा कटता है जंगल में जो वृक्ष सीधा और ऊंचा होता है वह जल्दी कटता है और टेढ़े मेढ़े बच जाते हैं जो इंसान झूठ होते हैं राजनीति के शिखर पर होते हैं और जो ईमानदार है, जो सही है, जो सरल है, जो सेवाभावी है उन्हें हम कुछ भी नहीं समझते क्योंकि वह अपनी कोई अच्छाई या अपनी बड़ाई किसी को नहीं करते और टेढ़ा आदमी अपनी बातों से, अपनी काबिलियत से, अपने झूठ से, सामने वाले को प्रभावित करता है।
संबंध अच्छे होने चाहिए, हमारी छोटी सी जिंदगी है
इस धरा पर ऋषभदेव, राम, महावीर, दशरथ नहीं होते तो आप क्या होते ? सोचिए जरा ना संस्कार होते, ना अपनत्व होता, ना प्रेम होता, ना संबंध होते, ना ही रिश्ते बनते। उन्होंने आगे अपने आशीष मे कहा कि जब हम सब आपस में मैत्री कर लेते हैं, आपस में गठबंधन कर लेते हैं तो ऊपर उठते हैं मैत्री का भाव हमारे ऊपर उठने का कारण बनता है और यह बात निश्चित भी है। ठंडे दूध में मलाई नहीं होती, दूध को गर्म करने की आवश्यकता होती है जितना अच्छा गर्म करोगे दूध को तो मलाई भी उतनी मोटी मिलेगी और जितनी मोटी मलाई मिलेगी तो इतना मक्खन भी गहरा होगा। मक्खन ठीक मिल रहा होगा तो जिंदगी भी ठीक चलेगी। संबंध अच्छे होने चाहिए, हमारी छोटी सी जिंदगी है। भौतिक युग ने हमें भूत बना दिया है। हम इंसान नहीं बन सके हमने सारी मर्यादा तोड़ दी हैं।
खाओ और खाने दो यह एक कमजोरी है
भगवान महावीर ने जियो और जीने दो का उपदेश दिया आज उल्टा हो रहा है खाओ और खाने दो यह एक कमजोरी है।उन्होंने कहा कि अगर देश के सभी विद्वान, पंडित, संत एक दूसरे के हो जाए तो देश अपने आप स्वर्णिम युग में वापस चला जाएगा। हम एक दूसरे का साथ दें,एक दूसरे का सम्मान करें। मां का सम्मान करें, हर महिला का सम्मान करें, तो यह देश निश्चित राम राज्य के युग में वापस चला जाएगा और इस देश को पुनः वही ख्याति मिलेगी जो इस देश का हक है। इस अवसर पर क्षुल्लक पर्व सागर एवं क्षुल्लक प्रशांत सागर भी विराजमान रहे।