आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। उपायुक्त वीरेन्द्र दहिया ने जिला में बाल विवाह की रोकथाम के लिए बाल विवाह करवाने वाले पुजारियों, गांव के पंचों, सरपंचों तथा नम्बरदारों तथा नगर पार्षदों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का बाल विवाह का आयोजन न होने दें तथा अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह अनुष्ठान के सम्बंध में अपने स्तर पर दूल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें।
आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि उक्त सभी आयु प्रमाण पत्रों की प्रति अपने पास रखकर और बाल विवाह पाए जाने पर इसकी सूचना तुरन्त जिला प्रशासन को दें ताकि उसे रोकना सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकेट हाल, मैरिज हॉल, मैरिज पैलेस, टेंट हाउस इत्यादि भी अपने यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के संबंध में आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें और उसकी प्रति भी अपने पास रख लें।
बाल विवाह करना, करवाना और शामिल होना एक गैर जमानती अपराध
जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि बाल विवाह निषेण अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है तो वह कानूनन अपराध है। इस एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है तथा बाल विवाह को करना और करवाना और इसमें शामिल होना एक गैर जमानती अपराध है।
बाल विवाह किया जाता है तो उसे निरस्त माना जाएगा
हरियाणा सरकार द्वारा अगस्त 2022 में दिए गए आदेशानुसार यदि किसी भी नाबालिक लड़की या लड़के का बाल विवाह किया जाता है तो उसे निरस्त माना जाएगा। इसके सम्बंध में समय रहते नजदीक के पुलिस थाना, चौकी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला एवं बाल विकास विभाग, एसडीएम, तहसीलदार, सीटीएम, पुलिस अधीक्षक और बाल विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस कंट्रोल रूम, चाईल्ड हैल्प लाईन नम्बर, महिला हैल्प लाईन नम्बर इत्यादि पर सूचना की जा सकती है।