आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। परिवार पहचान पत्र में दर्शाई गई इनकम को ठीक करवाने के लिए गरीब लोग दर दर की ठोकर खा रहे हैं। यह आरोप जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने यहां प्रेस को जारी विज्ञप्ति में लगाए। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र में भाई कमियों को ठीक करने के लिए सीएससी और अधिकतर सरल केंद्र में गरीब लोगों का खुला शोषण किया जा रहा है। इनमें इन संचालकों द्वारा 150 से 200 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनका कोई समाधान नहीं निकल रहा।
गरीब लोगों के साथ एक खुला मजाक
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा है कि जब तक परिवार पहचान पत्र की त्रुटियां दूर नहीं की जाएंगी तब तक गरीब लोगों का राशन जारी रहेगा। उनका यह आदेश गरीब लोगों के साथ एक खुला मजाक है क्योंकि जब उन गरीब लोगों का डिपो धारक यहां से राशन कार्ड उठा दिया गया तो फिर राशन कहां से आएगा। विधवा महिलाएं विकलांग लोग अपने-अपने डिपो धारकों के यहां चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वहां उनको कोरा जवाब दिया जा रहा है कि हमारे पास तुम्हारा कोई राशन पेंडिंग नहीं।
लोगों की समस्या का कोई समाधान सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र बनाने वाले सरकारी कर्मचारियों जिन्होंने इतनी बड़ी कोताही की है, फोन पर सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई ना करना और इस मामले को दबाने का प्रयास करना, साबित करता है क्या सरकार इन लोगों के साथ न्याय संगत कार्य नहीं कर रही। जिसके चलते जिसके चलते यह गरीब लोग सड़कों पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए राशन संबंधित टोल फ्री नंबर जोकि ज्यादातर नंबर उपलब्ध नहीं है मिलाने पर यह पता लगता है सरकार द्वारा जारी किए गए हैं लोगों की समस्या का कोई समाधान सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा, बल्कि लोगों को दरबदर भटकने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कर्मचारियों की गलतियां आखिर आम गरीब आदमी क्यों भुगते
अटल सेवा केंद्र द्वारा साइट ना चलने का बताया जाना टोल फ्री नंबर ना मिलना सरकार के द्वारा लोगों को परेशान करने का एक नया जरिया है। जिसके अंदर अपाहिज लोग विधवा औरतें व बेसहारा लोग अपना राशन चालू कराने के लिए रोज सुबह से लेकर शाम तक अटल सेवा केंद्र व जिला कार्यालय राशन कार्ड दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की गलतियां आखिर आम गरीब आदमी क्यों भुगते। स्वामी ने चेतावनी देते हुए कहा कि जनवरी माह तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो फरवरी माह में हजारों लोग सड़कों से सरकारी कार्यालयों तक प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।