- अप्रैल के पूरे महीने जिलाभर में चलेगा ऑपरेशन स्माइल
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
Police strict against human trafficking : हरियाणा पुलिस द्वारा अप्रैल माह में मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का स्पैशल अभियान “ऑपरेशन स्माइल” चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से पुलिस का उद्देश्य मानव तस्करी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान शुरू किया गया है।
अभियान इस अपराध से निपटने के प्रयासों का एक हिस्सा
इस दौरान जिला पुलिस बचाव अभियान चलाते हुए मानव तस्करी के पीड़ितों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है जो देश में हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करता है। राज्य ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी के कई मामलों का खुलासा किया है और हरियाणा पुलिस इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ महीने भर चलने वाला अभियान इस अपराध से निपटने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल आपातकालीन हेल्प लाइन नंबर 112 पर दें
हम अपने नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाए। पुलिस अधीक्षक ने आमजन से आग्रह किया है कि वे मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को उसके आपातकालीन हेल्प लाइन नंबर 112 पर दें। सूचना देने वाले की पहचान भी पुलिस की और से गुप्त रखी जाएगी। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने जिला के सभी थाना प्रबंधकों व चौकी इंचार्जों को निर्देश दिए गए हैं कि “ऑपरेशन स्माइल” के तहत आमजन व सामाजिक संस्थाओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर मां-बाप से दूर हुए बच्चों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग जुटा कर उन्हें तलाशें।
होटलों पर काम कर रहे बच्चों के बारे में भी जानकारी हासिल करें
इसके साथ ही जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय से तालमेल स्थापित कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर कारखानों तथा होटलों पर काम कर रहे बच्चों के बारे में भी जानकारी हासिल करें। मानव तस्करी करने वालों, बाल मजदूरी करवाने वालों व अन्य किसी भी प्रकार का शोषण करने वालों का पता लगाए। गुमशुदा, बंधक, शोषित व्यक्तियों, महिलाओं बच्चों को ढूंढकर संबंधित परिजनों को लौटाने और सूचित करने हेतू गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बाल भवन, शैल्टर होम से सम्पर्क कर संबंधित माता-पिता को उनकी मुस्कान लौटाने का हर सम्भव प्रयास करें, जिससे पीड़ितों को पुर्नवास प्रदान कर उनकी मुस्कान लौटाई जा सके।
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