पानीपत

Panipat News : पाइट को ऑटोनोमस का दर्जा, बदलते वक्त के अनुसार होगा पाठ्यक्रम, रोजगार और स्वरोजगार बढ़ेंगे

(Panipat News) पानीपत। समालखा स्थित पानीपत इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को ऑटोनोमस का दर्जा हासिल हो गया है। यानी, कॉलेज अब स्वायत्त है। अपना पाठ्यक्रम बनाया जा सकेगा। सर्टिफिकेट कोर्स नए बनाए जा सकेंगे। इसका सीधा अर्थ है‍ कि पाइट कॉलेज में बदलते वक्त के अनुसार अपने सिलेबस में बदलाव किया जा सकेगा। इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे।

यहां पाइट कॉलेज में प्रेस वार्ता में पाइट के निदेशक डॉ.शक्ति कुमार ने बताया कि बदले हुए नियमों के बाद पाइट हरियाणा का पहला ऐसा कॉलेज है, जिसे ऑटोनोमस का दर्जा प्राप्‍त हुआ है। सरकार ने अब नियम काफी सख्त बना दिए हैं। अब गुणवत्ता आधारित और मानदंडों पर खरे उतरने वाले कॉलेज को ही ऑटोनोमस का दर्जा मिलता है। अगर आपके कोर्स नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन यानी एनबीए से मान्‍यता प्राप्‍त हैं या कॉलेज के पास नैक का सर्टिफिकेट है तो ही ऑटोनोमस के लिए आवेदन कर सकता है। पाइट के चार कोर्स एनबीए से मान्‍यता प्राप्‍त हैं और पाइट कॉलेज नैक से भी सर्टिफाइड है। यानी, आप यहां जो डिग्री हासिल करते हैं, उसे अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍यता मिलती है और उसके क्रेडिट भी हासिल होते हैं।

पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने बताया कि यहां छात्रों को डिग्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की ही मिलेगी। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का अपना दर्जा और विश्व में पहचान है। पाइट के छात्र कोर्स आधुनिक ही पढ़ेंगे। इंडस्‍ट्री में जो डिमांड होगी, जैसा वहां काम कराया जाता होगा, वैसा ही कोर्स बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इससे डिग्री हासिल करते ही बच्‍चे जॉब कर सकेंगे, अपना स्‍वरोजगार करके नौकरियां दे सकेंगे। पाइट के सचिव सुरेश तायल ने कहा कि शिक्षा का असल उद्देश्य यही है कि पढ़ाई के बाद युवा को नौकरी मिल सके। युवा अपना कारोबार शुरू कर सके। ऑटोनोमस से शिक्षण संस्थान उसी तरह से वर्किंग कर सकते हैं। बेरोजगारी को दूर करने में पाइट का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस अवसर पर चेयरमैन हरिओम तायल, डीन डॉ.जेएस सैनी, डीन डॉ.बीबी शर्मा व विभागों के अध्यक्ष मौजूद रहे।

एनईपी और एजुकेशन 4.o

पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने बताया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी और एजुकेशन 4.o के तहत शिक्षा दी जा रही है। रोट लर्निंग यानी रटकर पढ़ने से आगे की शिक्षा की जरूरत है। एआइ के दौर में बच्‍चों को प्रैक्टिकल आधारित शिक्षा की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करें, ज्यादा प्रैक्टिकल काम करेंगे तो बेहतर परिणाम हासिल होंगे।

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का जुड़ाव

पाइट के सचिव सुरेश तायल ने बताया कि अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर की शिक्षा हासिल की जा सकेगी। पहले केवल इंडस्ट्री ट्रेनिंग या सामान्‍य स्‍तर पर अंतरराष्‍ट्रीय कोलेबरेशन अब बढ़ सकेंगे। ऐसा पाठ्यक्रम हो सकेगा, जिसमें बच्चे कुछ पढ़ाई यहां कर सकेंगे। कुछ पढ़ाई विदेश में कर सकेंगे। उन्हें सीखने के अवसर ज्यादा मिलेंगे। इससे रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।

पॉइंट से समझें फायदा

1- परीक्षा का परिणाम जल्द जारी हो सकेगा
2- बदलते वक्त के अनुसार अपना पाठ्यक्रम बना सकेंगे
3- स्टूडेंट्स पर ज्यादा फोकस होगा, बेहतर पढ़ा सकेंगे
4- अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान होगी, डिग्री का लेवल बढ़ेगा
5- छात्र-छात्राओं को डिग्री केयू की मिलेगी, यानी महत्व और बढ़ जाएगा

Sandeep Singh

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