Aaj Samaj (आज समाज),Pilgrimage to Kartarpur Sahib Gurdwara,पानीपत : रोटरी क्लब मिड टाउन पानीपत के सदस्यों ने परिवार सहित पवित्र स्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थ यात्रा की। यात्रा में करीब रोटेरियंस के परिवार सहित करीब 50 लोग शामिल थे। उक्त जानकारी देते हुए डॉ एमकेके आर्य मॉडल स्कूल की पूर्व प्रधानाचार्या एवं वर्तमान शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया व उनके पति मनोहर सेतिया पूर्व डिस्ट्रिक सेक्रेटरी, रोटरी क्लब मिड टाउन ने बताया कि हम 50 लोगों का समूह पानीपत से करतारपुर साहिब कॉरिडोर जो कि पाकिस्तान में है के लिए रवाना हुआ।
श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन किए
दिनांक 13 मई 2023 शनिवार को प्रातः 06:30 पर यह यात्रा अमृतसर के लिए प्रारंभ हुई। रास्ते में जालंधर हवेली पर रुक कर सभी ने भोजन ग्रहण किया। फिर 3 बजे अमृतसर के लिए रवाना हुए। होटल हॉलिडे- इन में चेक इन करने के बाद कुछ सदस्य स्वर्ण मंदिर जिसे श्री हरमंदिर साहिब के नाम से भी जानते है और ये सिख धर्म का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है के लिए रवाना हुए। अढ़ाई घंटे की लम्बी लाइन में लग कर गुरूद्वारे में दर्शन किए और कुछ लोग वाघा बॉर्डर गए, जहां पर उन्होंने रिट्रीट सेरेमनी का आनंद लिया। इस सेरेमनी में हमारे देश के जवानों का जोश देखने लायक था। सैनिकों का अदम्य साहस, शक्ति एवं शौर्य वहां आए हुए सभी दर्शकों में भी देशभक्ति की भावना व जोश पैदा कर रहा था। सभी के चेहरों पर भरपूर जोश एवं ख़ुशी की झलक साफ़ देखी जा सकती थी। उसके बाद जलियांवाला बाग का भी अवलोकन किया।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पकिस्तान के लिए रवाना
डॉ एमकेके आर्य मॉडल स्कूल की शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया ने आगे बताया कि अगले दिन 14 मई को सुबह नाश्ते के बाद 8.30 बजे करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पकिस्तान के लिए रवाना हुए और करतारपुर साहिब कॉरिडोर 9.45 पर पहुंच गए। जहां पर भारत और पाकिस्तान दोनों साइड की सिक्योरिटी चेक, इमीग्रेशन और कस्टम क्लीरेंस में दो घंटे लगे। वहां पर सबको एक यात्री कार्ड भी दिया गया जो कि उनको वहां से आते हुए लौटाना होता है।
कॉरिडोर पूरे साल भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए खुला रहता है
गुरुनानक देव जी ने करतारपुर की स्थापना वर्ष 1504 में की जो कि इंडो -पाक बॉर्डर से लगभग पांच किलोमीटर पर है। उन्होंने अपनी जिंदगी के अंतिम 18 वर्ष रावी नदी के तट पर इसी गांव में बिताए थे। यह पवित्र स्थल कॉरिडोर (गलियारे) के माध्यम से पूरे साल भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए खुला रहता है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग सिख समुदाय की लंबे समय से कर रहा था।
आज सिख धर्म में इस गुरुद्वारे को सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यहां पर गुरु नानक जी ने अपना शरीर 22 सितम्बर 1539 को त्यागा था। यह कहा जाता है जब गुरुनानक देव जी ने अपने देह का त्याग किया तो हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के लोग उनके पार्थिव शरीर के लिए झगड़ने लगे, परन्तु जब उन्होंने वहां पर देखा तो गुरुनानक जी का शरीर वहां नहीं था वहां फूल ही फूल थे। हम सब ने उस पवित्र स्थान को नमन किया और करतारपुर साहिब की ओर प्रस्थान किया।
कुएं का दर्शन किया, जिससे गुरुनानक देव जी अपने खेत जोतते थे
मंजू सेतिया ने आगे बताया के करतारपुर साहिब गुरूद्वारे का वातावरण इतना शुद्ध, पवित्र और शांतिपूर्ण था कि हम वहां घंटों साधना में बिता सकते थे। इसके उपरान्त हमने कुएं का दर्शन किया, जिससे गुरुनानक देव जी अपने खेत जोतते थे और लंगर का प्रसाद भी जैसा कि यह मान्यता है कि प्रतिदिन इसी जल से तैयार किया जाता है जो की बहुत ही स्वादिष्ट एवं ह्रदय को प्रफुल्लित करने वाला था। इसके उपरान्त यात्री वहां के छोटे से बाजार में भी गए जो की गुरूद्वारे के प्रांगण में था।
पासपोर्ट की मूल प्रति ले जाना आवश्यक
भारतीय श्रद्धालु बिना किसी वीजा के करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन कर सकते हैं। वहां जाने का समय सुबह 8:00 बजे शुरू होता है और दोपहर 4:00 बजे तक यात्री वहां रह सकते है। हालांकि सभी तीर्थ यात्रियों को सूर्यास्त से पहले लौटना होता है। गुरुद्वारा में आने वाले सभी भक्तों को पहले से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आवेदकों को उनके ईमेल पते पर इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण के माध्यम से अनुमति दी जाती है और उन्हें यात्रा करते समय इसकी एक कॉपी साथ रखनी होती है। इसके आलावा पासपोर्ट की मूल प्रति ले जाना आवश्यक होता है। सभी तीर्थ यात्रियों को सुबह बॉर्डर पर जाना पड़ता है और उसी दिन वापस लौटना होता है।
यादगार, संतोषजनक और जीवन भर का अनुभव
श्री करतारपुर साहिब का दरबार एक विशाल और बहुत ही पवित्र दर्शनीय स्थल है जिसकी आभा देखते ही बनती है। सब तीर्थ यात्रिओं ने वहां की दैवीय पवित्रता को महसूस किया, जिसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। श्री करतारपुर साहिब की यात्रा हमेशा के लिए सबसे यादगार, संतोषजनक और जीवन भर का अनुभव था और सबने करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा के लिए इस अद्वितीय और पवित्र अवसर को प्राप्त करने के लिए परमात्मा का आभार व्यक्त किया। सभ यात्रियों नेे यात्रा के आयोजक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स रोटरी क्लब मिड टाउन रमन अनेजा और रंजीत भाटिया का इस पवित्र और सुखद यात्रा के लिए शुक्रिया अदा किया।