भविष्य की राह दिखाई, विजेता दो टीमों को मिलेंगे पचास हजार
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। स्मार्ट इंडिया हैकाथोन जूनियर में भी पाइट के बच्चों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पाइट संस्कृति स्कूल एनएफएल की दो टीमों को विजेता घोषित किया गया है। दोनों टीमों के पांचों छात्र-छात्राओं, प्रिंसिपल रेखा बजाज को समालखा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज पाइट में सम्मानित किया गया। इन बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट से भविष्य की राह दिखाई है। एक टीम ने बोलने और सुनने में असक्षम लोगों के लिए एप बनाई। दूसरी टीम ने सड़क पर दौड़ती गाड़ियों से बिजली बनाने का प्रोजेक्ट दिखाया था।
पाइट के छात्रों ने पिछले एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार कामयाबी हासिल की
पाइट एनएफएल स्कूल के चेयरमैन सुरेश तायल व सचिव राकेश तायल ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथोन सीनियर वर्ग की प्रतियोगिता में भी पाइट के छात्र-छात्राओं ने पुरस्कार जीते थे। यहां तक की इसके आगे के लेवल एशियान में भी विजयी रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जय अनुसंधान का संकल्प लिया है। भारत के बच्चे बेहद प्रतिभाशाली हैं। हरियाणा में पाइट के छात्रों ने पिछले एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार कामयाबी हासिल की है।
बच्चों के प्रोजेक्ट प्रत्येक स्तर पर सराहे गए
आजादी सैट बनाने वाली छात्राओं को स्वतंत्रता दिवस पर सीएम मनोहरलाल ने सम्मानित किया था। प्रिंसिपल रेखा बजाज ने कहा कि बच्चों के प्रोजेक्ट प्रत्येक स्तर पर सराहे गए। पाइट एनएफएल और हुडा की नौ टीमों के प्रोजेक्ट चयनित किए गए थे। फाइनल राउंड तक पाइट एनएफएल की दो टीमें विजयी रहीं। पाइट की आइडिया लैब से डॉ.अंजू गांधी, डॉ.सुनील ढुल, राजीव, अभिषेक शर्मा, इशांत, सतपाल, डॉ.मोनिका गंभीर, संदीप सिंह बिंद्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
ये बनाए दो प्रोजेक्ट
सड़क पर गाडि़यां दौड़ती रहती हैं। इन गाडि़यों का सड़क पर दबाव पड़ता है। इंटेलीजेंट स्क्वाड टीम के भव्य तायल व सात्विक विज ने बताया कि पिजो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल से सड़क से बिजली बनाई जा सकती है। जगह-जगह इलेक्ट्रिक बैंक बनाकर उससे बड़े स्तर पर बिजली का प्रबंध किया जा सकता है। फुटपाथ पर यह प्रोजेक्ट सफल रहा है। एक किलोमीटर के एरिया में 400 किलोवाट बिजली बनाई जा सकती है। वहीं, पूर्व कादियान, एंजल गर्ग व वंश अधलखा ने बताया कि उन्होंने ऐसा एप बनाया है, जिसकी मदद से सुन और बोल नहीं सकने वाले लोग अपनी बात को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। इशारों के संकेत को एप भाषा में बदल देता है।