पानीपत के सुरेंद्र का एचसीएस में चयन, यह है उनकी 10वीं सरकारी नौकरी

0
223
Panipat News/Panipat's Surendra selected in HCS
Panipat News/Panipat's Surendra selected in HCS
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। शहर के तहसील कैंप निवासी सुरेंद्र कुमार का एचसीएस में चयन हुआ है। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) और अन्य संबद्ध सेवा परीक्षा-2021 के परिणाम घोषित कर दिया है। सुरेंद्र कुमार के मुताबिक वर्ष 2013 में वह बैंक में नौकरी करते थे, तो दौरान उन्होंने अखबार में एसपी/डीसी की खबर देखी थी। जिसे पढ़कर उनके मन में सवाल उठा और उन्होंने बैंक मैनेजर से इस बारे में पूछा। जिस पर उन्होंने बताया था कि ये यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने पर नियुक्त होते हैं। हालांकि वे डीसी/एसपी की पावर से परिचित व प्रभावित थे। मगर, कैसे नियुक्त होते हैं। इस बारे में नहीं पता था।

उनकी यह 10वीं सरकारी नौकरी 

इसके बाद तैयारी करते-करते उन्होंने 9 सरकारी नौकरियां हासिल कर लीं। जिसके बाद उन्होंने हरियाणा में वापस आने के लिए एचसीएस का एग्जाम दिया। इसमें वे सफल हुए। अब उनकी यह 10वीं सरकारी नौकरी है। अब उनका कहना है कि वे यूपीएससी एग्जाम क्लियर करना चाहते हैं। अगर उन्हें यूपीएससी में हरियाणा कैडर मिला तो वे जॉइन करेंगे, नहीं तो एचसीएस में ही सेवाएं देंगे।

 

Panipat News/Panipat's Surendra selected in HCS
Panipat News/Panipat’s Surendra selected in HCS

कक्षा छठी में हुआ था एबीसीडी का ज्ञान

मूल रूप से गन्नौर के गांव रामनगर के रहने वाले सुरेंद्र के पिता स्व. रणधीर सिंह करीब 24 साल पहले परिवार सहित पानीपत आए थे। यहां तहसील कैंप के सरकारी स्कूल में सुरेंद्र की पढ़ाई हुई। सुरेंद्र खुद बताते हैं कि उन्होंने छठी कक्षा में एबीसीडी सीखी थी। 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल में ही की। 10वीं कक्षा के परिणाम में वे हरियाणा में टॉप-10 विद्यार्थियों में रहे थे। 11वीं, 12वीं की पढ़ाई आर्य स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने बी-टेक एनआईटी कुरूक्षेत्र से पास की। जिसमें उनका ऑल इंडिया 623 रैंक आया था। इसके बाद एमए हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई इग्नू से की।

संघर्ष के दौरान दोस्त प्रवीन जागलान का रहा योगदान

सुरेंद्र ने बताया कि उनके पिता रणधीर डेयरी संचालक थे। उनकी माता बबली देवी गृहिणी हैं। बड़ा भाई बिजेंद्र कुमार हरियाणा पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल है। जोकि गन्नौर में एएसपी कार्यालय में तैनात है। भाभी प्रियंका भी गृहिणी है। भतीजा रक्षित दूसरी कक्षा का छात्र है। भतीजी यशिका छठी कक्षा की छात्रा है। सुरेंद्र ने बताया कि उनके सबसे घनिष्ठ मित्र पानीपत की बिशन स्वरूप कॉलोनी निवासी प्रवीन जागलान हैं। जिन्होंने उनके संघर्ष में काफी योगदान दिया। वे उनके स्कूल टाइम के फ्रैंड हैं। परीक्षा की तैयारी के वक्त किसी भी चीज की जरूरत होती थी, वे अक्सर प्रवीन को ही लाने के लिए कहते थे। प्रवीन भी अपना सब काम छोड़कर पहले सुरेंद्र का ही काम करते थे। स्टेशनरी से लेकर किताबें, नोट्स इत्यादि भी प्रवीन ही लाकर देते थे। यहां तक कि दिल्ली कोचिंग सेंटर से रात को जब भी वापस आते थे, तब भी प्रवीन ही उन्हें अपनी बाइक पर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से घर तक छोड़कर आते थे।

सुरेंद्र इन सरकारी पदों पर दे चुके हैं सेवाएं

साल 2012 से 15 तक उन्होंने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में नौकरी की। इसी बीच 2015 में ही सिलेक्शन होने पर 2 माह के लिए ओडिशा में एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर काम किया। यहां एसएससी सीजीएल का परिणाम आया तो वे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के तौर पर गुजरात चले गए। 2016 में यहां 6 माह नौकरी करने के बाद इलाहाबाद बैंक में बतौर एसओ जॉइन किया। वहां से डेपुटेशन लगवाकर भुवनेश्वर जोन पुरी में चले गए। यहां से इंडियन ऑडिट सर्विस में सिलेक्शन हो गया। वहां से इनकम टैक्स आईटी विभाग दिल्ली नॉर्थ जोन में चले गए। जहां 4 साल से सेवारत हैं। इसी बीच उन्हें ग्रुप बी के तहत पांडीचेरी सर्विस मिली।