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पानीपत। हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा थाना में तैनात एक एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) को एसपी शशांक कुमार सावन ने बर्खास्त कर दिया है। उनको बर्खास्त करते हुए एसपी ने पत्र में लिखा कि जानकारी होने के बावजूद आपने कानून हाथ में लिया। आपकी इस हरकत से पुलिस की छवि धूमिल हुई। आपकी इस गलती से दूसरे पुलिस कर्मचारियों का भी हौसला बढ़ेगा। इसलिए आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं। आप पद पर रहने काबिल नहीं हो।
ये है मामला
बर्खास्त पत्र में लिखा कि 11 जुलाई को सुबह 8 बजे सूचना मिली थी कि कुराड़ पाना, समालखा में ईश्वर पुत्र चेतराम ने प्रवीन पुत्र रामजस की मोटर साइकिल रोक ली। जिस सूचना पर एएसआई सुरेंद्र सिंह, होमगार्ड सुनील कुमार और अमित मौके पर पहुंचे। एसपीओ प्रवीन कुमार, उसका भाई इकबाल, उसकी पत्नी, दूसरे पक्ष से इश्वर, सुमित्रा, स्वराज, स्वराज की पत्नी व कई औरतें मौके पर मिलीं। एएसआई सुरेंद्र व साथी कर्मचारियों ने एसपीओ को मौके पर थाने में जाकर दरखास्त देने के लिए कहा गया और झगड़ा न करने बारे भी समझाया गया। इसके बावजूद आप दूसरे पक्ष के साथ मारपीट करते रहे।
कानून का पता होने के बावजूद भी दूसरे पक्ष पर डंडे से हमला किया
कानून का पता होने के बावजूद भी दूसरे पक्ष पर डंडे से हमला किया, जबकि वह थाने में जाकर इस मामले की दरखास्त दे सकते थे। उन्होंने उच्च अधिकारियों के आदेशों की उल्लंघना की है, इसलिए वह इस पद के काबिल नहीं है। उन्हें तुरंत इस पद से बर्खास्त किया जाता है। पत्र में आगे लिखा है कि एसपीओ प्रवीन को 15 जुलाई को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया था, जिसका जवाब उन्हें प्राप्त हुआ, जिसका गहनता से अध्ययन किया गया। वहीं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर अपना पक्ष रखने का भी अवसर दिया गया, लेकिन उनकी तरफ से दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं था। इसलिए वह एसपीओ पद के काबिल नहीं है।
मेरे पास मेरी बेगुनाही के सभी सबूत
बर्खास्त एसपीओ प्रवीन कुमार ने अपने पक्ष में कहा कि मेरे साथ यह सब इसीलिए किया गया है, क्योंकि मैंने शिकायत में सच्चाई लिखी थी कि पुलिस की मौजूदगी में मुझ पर और मेरे भाई पर हमला हुआ है। मेरे पास मेरी बेगुनाही के सभी सबूत भी हैं, जो मैं एसपी को भी दिखा चुका हूं।