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पानीपत। अब जमाना बदल रहा है.. बेटियां भी बेेटों से पीछे नहीं है। बेटियों को समान अधिकार मिलने से बेटियां भी मां-बाप का नाम रोशन करने में पीछे नहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की सफलता जिले और प्रदेश के उज्जवल भविष्य की ओर इशारा कर रही हैं। आपको अवगत कराते है पानीपत की बेटी खुशी से, जिसने माता पिता, स्कूल और जिले की खुशी दोगुनी कर दी है। एसडीवीएम स्कूल की छात्रा खुशी ने क्लैट की परीक्षा में नौंवा रैंक हासिल किया है।
हरियाणा में पहला स्थान

एस डी विद्या मंदिर हुड्डा के गौरवशाली इतिहास में एक और नया स्वर्णिम पन्ना जुड़ा है। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अनु गुप्ता ने बताया कि इस विद्यालय की 12वीं कक्षा की कला संकाय की छात्रा खुशी अग्रवाल ने क्लैट(कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) मे पूरे देश में नौवां स्थान तथा हरियाणा में प्रथम स्थान प्राप्त करके एक नया कीर्तिमान रचा है। उन्होंने आगे बताया कि खुशी अग्रवाल ने 150 अंकों की इस परीक्षा में 112.75 अंक प्राप्त किए हैं। खुशी पिछले डेढ़ वर्षो से इस परीक्षा की तैयारी में जी-जान से जुटी हुई थी। इसके बाद खुशी बेंगलुरु के लॉ कॉलेज से एलएलबी करेंगी। खुशी का सपना जज बनकर देश और समाज के कल्याण के लिए काम करना है।

120 मिनट के पेपर में 150 सवाल पूछे गए

उल्लेखनीय है कि देश भर के नेशनल ला यूनिवर्सिटी और अन्‍य विधि संस्‍थानों में दाखिले के लिए कामन लॉ एडमिशन टेस्‍क का रिजल्‍ट जारी कर दिया गया है। इसमें पानीपत की बेटी खुशी ने नौंवा रैंक हासिल किया है। यह क्‍लैट की परीक्षा 19 जून को हुई थी, जिसने 120 मिनट के पेपर में 150 सवाल पूछे गए थे। परीक्षा परिणाम अधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। जानकारी मुताबिक गोशाला मंडी निवासी योगेश कुमार अग्रवाल की बेटी खुशी अग्रवाल ने क्लैट में देशभर में नौंवा रैंक हासिल कर प्रदेश व जिला का नाम रोशन किया है। खुशी के पिता योगेश कुमार इलेक्ट्रानिक्स गुड्स के व्यवसायी हैं और मां निशा गृहणी हैं। खुशी के बड़े भाई राघव बीबीएम कर रहे हैं।

 

 

 

Panipat News/Panipat ki Khushi secures ninth rank in CLAT exam

सेवानिवृत सेशन जज से हुई प्रेरित

खुशी ने बताया कि उनके पड़ोस में सेवानिवृत सेशन जज हैं। जिनका खूब रुतबा हैं। खुशी को उन्हीं से प्रेरणा मिली। खुशी का लक्ष्य कानून की पढ़ाई कर जज बनने का है। पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और परीक्षा में कम अंक आने पर भी कभी नहीं टोका। खुशी ने सैंटमैरी स्कूल से 98.2 प्रतिशत अंक से दसवीं की परीक्षा की पास की और 12वीं की परीक्षा एसडीवीएम से दी है। कैरियर लांचर के विकास बत्रा ने बताया कि डेढ़ साल से खुशी का लक्ष्य क्लैट में अच्छे रैंक से पास होने का था। खुशी अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार रही और सफलता भी पाई।

 

Panipat News/Panipat ki Khushi secures ninth rank in CLAT exam

पढ़ाई से बोर होने पर सुनती थी इंग्लिश म्यूजिक

खुशी ने बताया कि वह रोजाना करीब सात घंटे पढ़ाई करती थी और शिक्षक जो भी काम देते थे, पूरा करती थी। ज्यादा देर पढ़ने के बाद अगर बोर होती थी तो अंग्रेजी गाने सुनती थी। खुशी की मां निशा उनके खाने-पीने आदि का पूरा ख्याल रखती थी। खुशी ने बताया कि पढ़ाई करते समय रैंक के बारे में कभी नहीं सोचा। लेकिन मन में यह विचार जरूर था कि टाप रैंक हासिल करने पर अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल जाएगा, जिससे लक्ष्य की ओर बढ़ने में आसानी होगी।
खुशी ने अपनी सफलता का श्रेय हर उस शख्स को दिया जो किसी ना किसी रूप से खुशी की इस सफलता में सहयोगी रहा है। खुशी ने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसके अनुरूप लक्षण भी होने जरूरी है तभी सफलता को हासिल कर सकते है। केवल लक्ष्य ऊंचा रखने से सफलता नहीं मिलती।
विद्यालय प्रबंधन ने उज्जवल भविष्य की कामना की

विद्यालय के चेयरमैन सतीश चंद्रा, वाईस चेयरमैन राजीव गर्ग, सेक्रेटरी नरेश कुमार गोयल, ऑडिटर संजय सिंगला एवं प्रधानाचार्या डॉ अनु गुप्ता ने खुशी अग्रवाल की इस सफलता पर बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि कोविड कॉल के मुश्किल हालातों में भी एसडी विद्या मंदिर के बच्चों ने हर क्षेत्र में अपने कौशल का लोहा मनवाया है। हमारा मकसद नए भारत की विकास पीढ़ी का सृजन करना है और हम सब मिलकर इस पथ पर अग्रसर हैं।