Atiq-Ashraf Murder Case : पानीपत में जन्मा है अतीक-अशरफ मर्डर में संलिप्त शूटर अरुण

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Panipat News/Panipat connection in Atiq-Ashraf murder case
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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत (Atiq-Ashraf Murder Case) : गत दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वालों में से एक शूटर पानीपत जिले का रहने वाला है। जिसका जन्म भी पानीपत में हुआ। यह शूटर अरुण मौर्य पुत्र दीपक कुमार उर्फ मैनेजर है। अरुण मौर्य कई वर्षों से पानीपत में अपने भाई व अन्य परिवार के लोगों के साथ रह रहा है। हालांकि गांव में उसका आना जाना भी कम है। अभी 6 महीने पहले ही उसका पानीपत में किसी के साथ झगड़ा हुआ था। जिसके बाद वह यूपी चला गया और वहां अपने चाचा-चाची के साथ रहने लगा। चाचा-चाची के घर के अलावा भी उसने यूपी में कई ठिकाने बनाए हुए हैं।

कई वर्षों तक पानीपत में मजदूरी का काम किया

शूटर अरुण मौर्य के पिता दीपक कुमार अपने पिता मथुरा प्रसाद के साथ काफी पहले से पानीपत में रहकर मजदूरी का काम करते थे। गांव में उनके पास डेढ़ बीघा जमीन है जिससे गुजारा नहीं हो पाता था। उसके बाद भी उन्होंने कई वर्षों तक पानीपत में मजदूरी आदि का काम किया। आठ साल पहले दीपक कुमार गांव में चले आए। यहां आकर पहले ऑटो चलाया। कई वर्ष तक ऑटो चलाने के बाद ऑटो का एक्सीडेंट हो गया। उसके बाद से उन्होंने गोलगप्पे की रेहड़ी लगाना शुरू कर दिया। अरूण के दादा मथुरा प्रसाद पानीपत के विकास नगर की एक फैक्ट्री में चौकीदार है। वह यहीं फैक्ट्री में रहता है। अरुण उर्फ कालिया के दो छोटे भाई धर्मेद्र और आकाश हैं। ये दोनों फरीदाबाद में रहकर कबाड़ बेचने-खरीदने का काम करते हैं।

सोशल मीडिया के जरिए परिजनों को बेटे के करतूत का पता चला

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अरुण की चाची लक्ष्मी ने बताया कि अरुण बहुत पहले गांव आया था। उसके बाद वह आज तक नहीं आया है। अरुण की चाची ने बताया कि वो गांव आता था, लेकिन किसी से बात नहीं करता था। पिता दीपक कुमार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके बेटे ने माफिया अतीक अहमद एवं अशरफ की हत्या कर दी है। सुबह 9 बजे तक दीपक कुमार उनकी पत्नी केला देवी और बेटी सपना गांव में थे और गोलगप्पे की ठेली लगाने की तैयारी कर रहे थे। जब सोशल मीडिया से सुबह 8 बजे के बाद उन्हें बेटे की करतूत की जानकारी मिली तो पूरा परिवार कुछ ही देर में घर से फरार हो गया। तब तक पुलिस भी उनके घर नहीं पहुंची थी।