आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। डॉ.एमकेके आर्य मॉडल स्कूल में शनिवार को ‘अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग क्रियाकलाप’ का आयोजन किया गया। इस क्रियाकलाप के दौरान कक्षा पहली से तीसरी तक के सभी विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मकता से अपनी रचनात्मक कला का प्रदर्शन किया। अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोग कर उसे एक नए रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को पुर्नप्रयोग कहते हैं। बच्चों ने अनुपयोगी चीजों जैसे प्लास्टिक , कागज, कपड़ा, गत्ता, इलेक्ट्रॉनिक आदि से बहुत सी सजावट की चीजें बनाई जैसे गुलदस्ते, माला, पेन स्टैंड, टेडी, खिलौने फोटो फ्रेम आदि।
क्रियाकलाप बहुत ही उत्साहवर्धक रहा
इस क्रियाकलाप का उद्देश्य बच्चों में सृजनात्मक व चीजों के पुनर्प्रयोग को सीखना गतिज कौशल को बढ़ाना था। यह क्रियाकलाप अध्यापिकाओं द्वारा कक्षा-कक्ष में करवाया गया। यह क्रियाकलाप बहुत ही उत्साहवर्धक रहा। इस क्रियाकलाप में अध्यापिकाओं ने विद्यार्थियों की सृजनात्मकता और कल्पनाशीलता की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उत्साह और मस्ती से भरपूर इस क्रियाकलाप में सभी विद्यार्थियों की उत्साहजनक भागीदारी देखने योग्य थी।
बौद्धिक विकास के लिए इस प्रकार के क्रियाकलाप होने चाहिए
विद्यालय के निर्देशक रोशन लाल सैनी, प्राचार्य मधुप परासर, शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया व भाषा व गति प्रभारी सुश्री मीरा मारवाह जी ने कहा कि बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए इस प्रकार के क्रियाकलाप होने चाहिए। प्लास्टिक और अनुपयोगी वस्तुएं जल, पृथ्वी और वायु को प्रदूषित करती हैं। इससे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। जिसका प्रभाव इंसान, पेड़ -पौधो और जीव जन्तुओं पर पड़ता है।