Aaj Samaj (आज समाज),Operation Smile, पानीपत :
पानीपत, 22 अप्रैल (खर्ब) : पुलिस महानिदेशक हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध ब्यूरो ओपी सिंह के निर्देशन में हरियाणा पुलिस ने गुमशुदा, बंधक व शोषित व्यक्तियों, बच्चों को ढूंढकर परिजनों तक पहुंचाकर उनकी मुस्कान लौटाने के लिए 1 अप्रैल 2023 से राज्य भर में आपरेशन स्माइल अभियान चलाया गया है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में पानीपत पुलिस की मिसिंग सेल टीम ने अभियान के तहत शेल्टर होम का दौरा कर काउंसलिंग पश्चात शुक्रवार को गुमशुदा एक 14 वर्षीय किशोरी के परिजनों का पता लगा गुमशुदा किशोरी को परिजनों से हवाले किया।
नाना व मामा को जिला बाल कल्याण समिति के समुख पेश कर काउंसलिंग करवाई
उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय धर्मबीर खर्ब ने बताया कि मिसिंग सेल में तैनात एएसआई हरविंद्र ने टीम के साथ उझा रोड पर स्थित शेल्टर होम का दौरा कर वहा रह रहे गुमशुदा बच्चों से बातचित की तो उनमें से एक 14 वर्षीय किशोरी ने अपने परिजनों की जानकारी बताते हुए दिल्ली के पश्चिम विहार का पता बताया। पुलिस टीम ने परिजनों के बारे में जानकारी जुटाकर उनसे फोन पर संपर्क किया और किशोरी बारे जानकारी दी। शुक्रवार को किशोरी की नानी बेटे हरिओम के साथ पानीपत पहुंची तो पुलिस टीम ने गुमशुदा किशोरी व उसके नाना व मामा को जिला बाल कल्याण समिति के समुख पेश कर काउंसलिंग करवाई।
नानी व मामा के चेहरे पर अलग सी खुशी देखने को मिली
काउंसलिंग उपरांत गुमशुदा किशोरी को उसकी नानी के हवाले किया। गुमशुदा किशोरी को सकुशल पाकर नानी व मामा के चेहरे पर अलग सी खुशी देखने को मिली। दोनों ने इसके लिए पानीपत पुलिस का आभार भी व्यक्त किया। उप पुलिस अधीक्षक धर्मबीर खर्ब ने बताया कि काउंसलिंग उपरांत पता चला किशोरी की मां का देहांत हो चुका है। मां के देहांत होने के पश्चात से ही किशोरी अपनी नानी के पास दक्षिण दिल्ली के संजय गांधी कैंप औद्योगिक क्षेत्र में रह रही है। करीब 10 दिन पहले किशोरी दिल्ली से बस में बैठकर पानीपत पहुंची थी।
भीख मांग रहे 10 साल के बच्चे को रेस्क्यू कर परिजनों को सौंपा
उप पुलिस अधीक्षक धर्मबीर खर्ब ने बताया कि मिसिंग सेल की टीम ने अभियान के तहत ही शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए रेलवे रोड पर भीख मांग रहे एक 10 साल के बच्चे को रेस्क्यू किया। टीम ने बच्चे के परिजनों का पता लगाकर परिजनों व बच्चे को बाल कल्याण समिति के समुख पेश कर काउंसलिंग करवाई। परिजनों को बच्चे को स्कूल में भेजने के लिए प्रेरित कर बच्चा परिजनों का सौंप दिया।