Aaj Samaj (आज समाज),Nature Farming of Sugarcane,पानीपत :
हरियाणा विज्ञान मंच व सहायक गन्ना विकास अधिकारी पानीपत की ओर से चौधरी सुरेंद्र सिंह नांदल फार्म गांव महराणा में गन्ने की प्रकृति खेती पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 20 गांव से किसानों ने भाग लिया। शिविर की अध्यक्षता चौधरी नरेंद्र सिंह नांदल पूर्व सरपंच गांव महराणा ने की। मुख्य अतिथि निदेशक क्षेत्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र उचानी करनाल चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से डॉ राकेश मेहरा ने उपस्थित किसानों को गन्ने की फसल में अच्छी आय लेने पर मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
चौड़ा खूड विधि के लाभ बताए
किसानों को रोग रहित बीज के साथ बीज उपचार करने तथा चौडा खुड विधि को अपनाने का सुझाव दिया। गन्ना विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉक्टर नवीन ने किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों की जानकारी देते हुए चौड़ा खूड विधि के लाभ बताए। गन्ने की अक्टूबर में बिजाई के समय मटर, चना, गोभी सरसों की फसल ली जा सकती है। गांव दीवाना के प्रगतिशील किसान जोगिंदर सिंह चौड़ा खुद विधि से गन्ने की सहफसली खेती से 1 एकड़ में 3 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।
गन्ने की प्रकृति खेती की विस्तृत जानकारी दी
हरियाणा विज्ञान मंच के राज्य कमेटी सदस्य डॉ राजेंद्र सिंह ने गन्ने की प्रकृति खेती की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसान गन्ने की फसल में वैज्ञानिकों की सिफारिशों से कई गुना ज्यादा कीटनाशक दवाइयों व रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी गन्ने की फसल में आमदनी घट रही हैं। कुरुक्षेत्र गुरुकुल फार्म में गन्ने की प्राकृतिक खेती से 500 से 600 क्विंटल प्रति एकड़ ली जा रही है। इस अवसर पर डॉ राजबीर गर्ग, संयोजक कृषि विज्ञान केंद्र ऊझा पानीपत, डॉ महा सिंह संयोजक कृषि विज्ञान केंद्र उचानी करनाल, डॉ करमबीर सिंह गन्ना विकास अधिकारी सहकारी शुगर मिल डाहर पानीपत, अरविंद काजल, डॉ अनिल गुलिया गन्ना विकास अधिकारी विकास पानीपत ने भी अपने विचार रखे।