आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। शुक्रवार को नारी कल्याण समिति की ओर से बैसाखी का त्योहार बड़े उत्साह से मनाया गया। मुख्य अतिथि नीरू विज पत्नी विधायक प्रमोद विज ने दीप प्रज्वलित किया। फिर गायत्री मंत्र के पाठ के साथ ही त्योहार का शुभारम्भ हुआ। यह जानकारी समिति की प्रधान कंचन सागर और सचिव ज्योतिका सक्सेना ने संयुक्त रूप से दी। कंचन सागर ने कहा कि बैसाखी मूल रूप से एक सिख त्योहार है जो सिख समुदाय के लिए नए साल का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि बैसाखी के गुरु अमर दास ने इसे एक मुख्य सिख त्योहार के रूप में शामिल किया था।
उसी दिन खालसा पंथ का गठन किया गया था
मुख्य अतिथि नीरू विज ने कहा कि दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की नींव रखी थी। उसी दिन खालसा पंथ का गठन किया गया था। पूरे भारत के गुरूद्वारे, विशेष रूप से पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में इस दिन के लिए सजाए जाते हैं और बड़ी संख्या में लोग इस दिन पूजा करने के लिए आते हैं। नगर कीर्तन गुरुद्वारों से किया जाता है और लोग जुलूसों के दौरान आनंद लेने के लिए नाचते, गाते और पटाखे छुड़ाते हैं। गेंहू की रखवाली भी समाप्त हो जाती है, तभी तो पंजाबी में कहते हैं कि “कनकां दी मुक गई राखी वे जट्टा आई वैसाखी”। मंच संचालन ज्योत्सना गर्ग ने अपने शायराना अंदाज़ में किया। तम्बोला और ढोल नृत्य से समय का पता ही नहीं चला।
पांच समय पर पहुँचने वाली समस्याओं को उपहार दिए
यजमान ज्योति रहेजा ने पांच समय पर पहुँचने वाली समस्याओं को उपहार दिए। बैसाखी पर्व से संबंधित प्रश्नोत्तरी की गई। समिति की समस्याओं द्वारा गाए गीत मेरे देश की धरती ने कार्यक्रम में एक नया उत्साह पैदा किया। अंत में कंचन सागर ने कार्यक्रम में चार चांद लगाने के लिए सभी का हार्दिक धन्यवाद किया। कार्यक्रम में सुमन शिंगला, सरोज आहुजा, शशि शर्मा, नीतू छाबड़ा, सुनीता गुलाटी, नीलम नागपाल, तृप्ता गाबा, नीलम मेहता, बबीता गर्ग, सिमरन गिरधर, संगीता अरोड़ा, ज्योति रहेजा, माधवी वर्मा शोभा गोयल, कृष्णा अरोड़ा, सुगंधा गर्ग, शारदा छाबड़ा, कंवल सोईं, रश्मि सैनी, बिमला गुप्ता, भावना जैन आदि शामिल रहीं।