- किला क्षेत्र का नाम होगा छत्रपति शिवाजी चौक
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। पानीपत शहर का किला चौक पर लम्बे समय से मराठा समाज द्वारा छत्रपति शिवाजी की जिस विशाल मूर्ति स्थापना की मांग की जा रही थी, उस मूर्ति का शनिवार को करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया और पानीपत शहर विधायक प्रमोद विज और मराठा समाज के बुजुर्ग एवं नौजवान साथियों के साथ अनावरण किया गया। बता दें कि यह मूर्ति कई धांतुओं के मिश्रण से बनाई गई है एवं इसे इस लिहाज से बनाया गया है कि यह मूर्ति तेज धूप, बरसात के मौसम में भी जस की तस रहेगी एवं रात के समय में यह मूर्ति चमकदार दिखेगी। मूर्ति की लागत लगभग 44 लाख रुपए है। इस लागत में ही दूसरी मूर्ति शहीद लाला जगत नारायण की बनाई गई है, जोकि आने वाले समय में पानीपत के मॉडल टाउन में लाल टंकी चौक पर स्थापित की जाएगी। यह दोनों मूर्तियाँ जयपुर से बनवाई गई हैं।
शिवाजी महाराज का जीवन हमें आत्मनिर्भरता का संदेश देता है
कार्यक्रम में पधारे सांसद संजय भाटिया ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ मराठा समाज के ही प्रेरणा स्रोत नहीं अपितु देश से प्रेम करने वाले हर सामाजिक व्यक्ति के प्रेरणास्रोत हैं एवं स्वाभिमान के प्रतीक हैं। शिवाजी महाराज का जीवन हमें आत्मनिर्भरता का संदेश देता है। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं।
किला क्षेत्र के मार्ग को आज से शिवाजी के नाम से जाना जाएगा
वहीं पानीपत शहर विधायक प्रमोद विज ने कहा कि पानीपत में हुई ऐतिहासिक तीसरी लड़ाई में सुदूर महाराष्ट्र के हर परिवार से जिस प्रकार युवाओं ने, बुजुर्गों ने व महिलाओं ने पानीपत के मैदान में आकर आतताइयों से लोहा लिया और अपना सर्वस्व इसी क्षेत्र में मां भारती के चरणों में न्योछावर कर दिया, पानीपत शहर महाराष्ट्र के वीर सपूतों के इस बलिदान के लिए सदैव ऋणी रहेगा। किला चौक पर स्थापित की गई यह प्रतिमा उन वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी एवं किला क्षेत्र के मार्ग को आज से शिवाजी के नाम से जाना जाएगा।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट, डिप्टी मेयर रविन्द्र, पार्षद रविन्द्र भाटिया, अशोक कटारिया, अशोक नारंग, रामकुमार सैनी, लोकेश नांगरू, विजय जैन, अश्वनी धींगडा, सुनील सोनी, मंडल अध्यक्ष प्रीतम गुर्जर, विजय शर्मा, दिवाकर मेहता, हरीश कटारिया, सुनील कंसल और पानीपत के मराठा समाज के समस्त सम्मानित जन मौजूद रहे।