पानीपत। आईबी पीजी कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के अंतर्गत मिलेट दिवस मनाया गया।विभागाध्यक्षा डॉ. सीमा के निर्देशन में विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय मिलेट प्रोडक्टस कार्यशाला के माध्यम से महाविद्यालय में छात्र छात्राओं व प्राध्यापकों को मिलेटस आहार में शामिल करने के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन विभागाध्यक्षा डॉ. सीमा के नेतृत्व में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. अजय गर्ग के अभिभाषण से हुआ। उन्होंने रागी, जौ, ज्वार, बाजरा, ओट्स के महत्व के बारे में बताया और विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वह इस विषय को अपनाकर अपने व अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ एन्टरप्रेन्योर के क्षेत्र में भी कुछ नया कर सकते हैं।
मोटे अनाज की पौष्टिकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी
कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका डॉ. रजनी गोयल ने विद्यार्थियों को जौ, ज्वार, बाजरा, रागी व ओट्स से विभिन्न पौष्टिक व्यंजन- रागी ब्रैड, रागी, मफिनस, रागी इडली, प्लेन व स्टफड चपाती, चिला, बाजरा चाकलेट्स बनाने सिखाए तथा मोटे अनाज की पौष्टिकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विभागाध्यक्षा व कार्यशाला की मुख्य संयोजिका डॉ. सीमा ने बताया कि कार्यशाला को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य अंर्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के उपलक्ष में मिलेट्स की पौष्टिकता के बारे में सभी को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स को निम्न अनाज में गिना जाता है। लेकिन यह प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर एन्टीऑक्सीडैन्ट से भरपूर होते हैं।
सप्ताह में कम से कम दो दिन इन्हें गेहूं की जगह अवश्य अपने आहार में शामिल करें
सप्ताह में कम से कम दो दिन इन्हें गेहूं की जगह अवश्य अपने आहार में शामिल करें। रागी को बहुत ही पौष्टिकता अनाज माना जाता है। 100 ग्राम रागी में 344 एमजी कैल्शियम और 3.9 एमजी आयरन होता है जो किसी भी अन्य अनाज केवल बाजरा को जोड़कर बहुत ज्यादा है। हमारी त्वचा को स्वस्थ बनाने में भी रागी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लाइसिन, मिथीयोविन, अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में होता है। कार्यक्रम को सफलता में गृह विभाग से सहायक प्राध्यापिका अंशिका का सहयोग सराहनीय रहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इन्हें घर से ही बनाकर बेच सकते हैं आज डिजिटल युग है किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म से संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर उपप्राचार्या प्रो. रंजना शर्मा, डॉ.शशि प्रभा, प्रो. नीलम, डॉ. चेतना नरूला, प्रो. हिमांशी, डॉ. मधु शर्मा, प्रो. ईरा गर्ग, प्रो. सिमरन, प्रो. लीना आदि सभी प्राध्यापकगण मौजूद रहे।